भारत सरकार मॉरीशस सरकार की द्धिपक्षीय संस्था  विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता  में बिहार के युवा पत्रकार शोधार्थी अनंत प्रसाद सिन्हा उर्फ़ अनंत को दूसा स्थान प्राप्त हुआ है।

अनंत स्वतंत्र लेखन करते हैं
अनंत स्वतंत्र लेखन करते हैं

 

वर्ल्ड हिंदी सेक्रेटेरिएट द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता बिहारी लेखक/ पत्रकार को पहली बार सम्मान मिला है। पेशे से पत्रकार और अमर कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु पर विशेष कार्य करने में जुटे ” अनंत ” ने विश्व स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त कर सूबे का मान – सम्मान बढ़ाया है।
यहाँ उलेखनीय है वर्ल्ड हिंदी सेक्रेटेरिएट ने अंतराष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता 2016का आयोजन किया था।

” हमारे देश का हिंदी प्रचारक ( व्यक्ति या संस्था ) विषय पर केंद्रित निबंध ३००० शब्दों में लिखना था। लेखक को निबंध लिखते वक़्त अकादमिक लेखन के अंतर्राष्ट्रीय मापदंडो को ध्यान में रखकर लेख तैयार करना था। वर्ल्ड हिंदी सेक्रेटेरिएट ने संपूर्ण विश्व को पांच भागो में विभक्त कर लेख आमंत्रित किया था।

अनंत ” ने अपना आलेख बिहार के कथाकार लालजी प्रसाद सिंह के संघर्षो को केंद्र में रखकर लिखा था।  लालजी प्रसाद सिंह ड्राईंग रूम में बैठकर लिखने वाले साहित्यकार नहीं है। सड़क पर हिंदी के प्रचार – प्रसार के लिय संघर्ष करने वाले सूबे के साहित्यकार है। लालजी खुद कहानिया , उपन्यास , कविता आदि लिखते है। स्वयं पुसतको को प्रकाशित करवाते है और राजधानी पटना के चौक चौराहे से लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके में पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन कर अपने साहित्य को बेचते भी है।
अनंत ने लालजी प्रसाद सिंह के जीवन संघर्षो को केंद्र में रखकर ” एक हिंदी सेवक का सड़क पर संघर्ष ” नमक लेख विश्व हिंदी सचिवालय को भेजा था। वर्ल्ड हिंदी सेक्रेटेरिएट की जुड़ी ने ” अनंत ” लिखित लेख की गुणवत्ता को जांचा परखा और   द्वितीय विजेता घोषित किया।  अनंत को मात्र ६० डॉलर पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र दिया जायेगा।

By Editor