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बिहार विधान सभा चुनाव में अप्रत्‍याशित हार के करीब सात माह बाद असम में अभूतपूर्व जीत ने भाजपा कार्यकर्ता में नया उत्‍साह पैदा किया है। केंद्र सरकार के दो वर्ष पूरा होने के मौके पर असम की जीत भाजपा के लिए उपहार माना जा रहा है।

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वीरेंद्र यादव  

 

मंगलवार को असम में शपथ समारोह को लेकर पटना में भाजपा के पार्टी के प्रदेश कार्यालय में जश्‍न का माहौल था। असम के मुख्‍यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित  शाह के संबोधन को लेकर कार्यकर्ता उत्‍साहित थे। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव के साथ प्रदेश अध्‍यक्ष मंगल पांडेय और विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे।

विधान सभा चुनाव में भाजपा की हार ने कार्यकर्ताओं का उत्‍साह तोड़ दिया था, मनोबल भी कमजोर हुआ था। पराजय ने गहरा जख्‍म दिया था, लेकिन असम की जीत ने मरहम सा असर दिखाया है। असम के साथ ही पश्चिम बंगाल और केरल के मैदान में भाजपा की दमदार उपस्थिति ने उत्‍साह को और बढ़ाया है।

 

असम से मिला उपहार

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर असम की जीत को उपहार माना जा रहा है। दो साल की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बिहार भाजपा ने भी व्‍यापक रणनीति बनायी है। नौ जगहों पर सभाओं का आयोजन किया जाना है। हर सभा में एक केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे। इसकी शुरुआत 27 मई को पटना से होगी, जिसमें केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र शामिल होंगे। दरअसल असम की जीत के साथ ही बिहार भाजपा आंदोलनों को नयी धार देना चाहती है। नीतीश सरकार की विफलता के खिलाफ नया अभियान चलाना चाहती है। भाजपा की कार्ययोजना ही बताएगी कि बिहारी घाव पर असमिया मरहम कितना कारगर साबित हुआ।

By Editor