प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वामपंथी शासन वाले त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय को ‘विचारधारा की जीत’ करार देते हुए पार्टीजनों का आज आह्वान किया कि वे कर्नाटक को जीतने के लिए कमर कस लें। श्री मोदी ने संसद के पुस्तकालय भवन सभागार में भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि त्रिपुरा को गत 25 वर्ष के दौरान मार्क्सवादियों का गढ़ माना जाता रहा है। यह विचारधारा की विजय है। बैठक में सांसदों ने श्री मोदी का अभिनंदन करते हुए नारे भी लगाये, “जीत हमारी जारी है, अब कर्नाटक की बारी है।” कर्नाटक में मई में चुनाव होने हैं।

बैठक की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कम्युनिस्टों की विचारधारा एवं प्रासंगिकता विश्व भर में समाप्त हो गयी है और भारत में भी यह लगातार ज़मीन खोती जा रही है। वर्ष 2011 में पश्चिम बंगाल में और अब त्रिपुरा में सत्ता गंवाने वाले वामपंथी अब केवल केरल में ही सत्ता में हैं। बैठक में शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए कहा कि तीन पूर्वोत्तर राज्यों में राजनीतिक जनादेश के महत्व को इस कारण से कम करके नहीं देखा जाना चाहिए कि वे छोटे राज्य हैं और वहां से केवल एक या दो सदस्य संसद में आते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के लिए, सभी राज्य बराबर हैं।  उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार इन राज्यों खासकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास को प्राथमिकता देगी।  भाजपा असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में पहले से ही सत्ता में है। पार्टी नागालैंड में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के साथ गठबंधन सरकार बनायेगी, जबकि मेघालय में आज बनी नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में भाजपा का एक मंत्री शामिल है।

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