इन दिनों भाजपा में शामिल होने वालों की भीड़ टूट पड़ी है। भीड़ इतनी कि भाजपा के लिए संभालना मुश्किल हो गया है। भाजपा ने सदस्‍य बनाने की ऑनलाइन स्‍कीम शुरू की है। इस स्‍कीम में लोगों की कम रुचि है, जबकि भाजपा कार्यालय में हाजिरी लगाकर शामिल होने वाली की संख्‍या असीमित है। आज ही करीब दर्जन भर नेता अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए। इसमें अलग-अगल मालाओं का बोझ इतना बढ़ गया कि पार्टी अध्‍यक्ष मंगल पांडेय व विधायक मंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी से माला ठीक से नहीं संभल रहा था। ठीक वैसे ही, जैसे भीड़ नहीं संभल रही थी।ips

बिहार ब्‍यूरो

 

यह स्‍वाभाविक भी था। तीन पूर्व आइपीएस अधिकारियों ने एक साथ कमल ढोने का संकल्‍प लिया और भाजपा की सदस्‍यता ग्रहण की। पूर्व डीजीपी आशीष रंजन सिन्‍हा, पूर्व डीजीपी अशोक कुमार गुप्‍ता और सेवानिवृत्‍त आइपीएस हीरा प्रसाद ने पार्टी की सदस्‍यता ली। आइपीएस अधिकारी से नेता बने इन लोगों ने कहा कि वे भाजपा की नीति व कार्यक्रमों के प्रचार में जुट जाएंगे और पार्टी की ओर से मिलने वाली सभी जिम्‍मेवारियों का पूरी ईमानदारी से निर्वाह करेंगे।

 

आशीष रंजन राबड़ी देवी के अंतिम समय और नीतीश कुमार के शुरुआती दौर में डीजीपी की जिम्‍मेवारी का निर्वाह कर रहे थे। वह पहले लालू यादव के राजद के साथ थे। लोकसभा चुनाव के दौरान वह राजद के समर्थन से कांग्रेस के टिकट पर नालंदा से चुनाव लड़े थे। लेकिन उन्‍हें जबरदस्‍त पराजय का सामना करना पड़ा था। बाकी दो अन्‍य आइपीएस अशोक गुप्‍ता व हीरा प्रसाद ने राजनीति में पहली बार कदम रखा है। सत्‍ता के बाद समाजसेवा की दुनिया में उतरे इन अधिकारियों का राजनीतिक भविष्‍य क्‍या होगा, यह समय बताएगा।

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