मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मु-कश्मीर के मुख्यमंत्री बन गये हैं. यह वही सईद हैं जिन्होंने गृहमंत्री बनने के बाद अपनी अपहृत बेटी रुबिया सईद को छुड़ाने के बदले पांच आतंकियों को रिहा किया था.mufti.mohammad

मुख्यमंत्री बनने के बाद सईद ने एक नया विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने गद्दी संभालते ही कहा- पाकिस्तान, हुर्रियत और आतंकियों ने चुनाव के लिए उचित महौल बनाया, जिससे चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से पूरा हो सका”.

सईद भाजपा गठबंदन की मदद से राज्य के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. वह 1989 में वीपी सिंह की सरकार में देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री बनने का श्रय रखते हैं.

सईद के गृहमंत्री बनने के पांचवें दिन ही 8 दिस्म्बर 1989 को उनकी बेटी को जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के अतिवादियों ने अगवा कर लिया. इस अपहरण ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं. अतिवादियों ने रुबिया की रिहाई के लिए यह शर्त रखी कि उसके बदले जेल में बंद 5 अतिवादियों को रिहा किया जाये. और मजबूर हो कर सरकार को यह शर्त माननी पड़ी.

मुफ्ती मोहम्मद सईद का जन्म 1936 में हुआ. 87 वर्षीय सईद इससे पहले 2002 से 2005 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

सईद ने 1999 में जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी का गठन किया. इससे पहले सईद 1987 तक कांग्रेस से जुड़े रहे और बताया जाता है कि यह सईद ही हैं जिन्होंनेफारूक अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई.

मुफ्ती मोहम्मद सईद की पार्टी ने इस बार 3 मार्च को भारतीय जनता पार्टी की मदद से राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला है. समझा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के संग सईद ने कुछ कमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत सरकार चलाने का फैसला किया है.

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