केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विकास को लेकर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुये आज कहा कि देश में अब तक रोटी को बाँटने की सियासत हुई है, लेकिन उसे बढ़ाने की सियासत नहीं हुई है।

श्री प्रसाद ने हीरो इंटरप्राइजेज द्वारा यहाँ आयोजित ‘माइंडमाइंस सम्मेलन 2018’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि इस मुल्क में रोटी को बाँटने की सियासत बहुत हुई है, रोटी को बढ़ाने की सियासत नहीं हुई है।  उन्होंने कहा कि समानता एवं विकास पर हमेशा बहस होती रहेगी। बिना समानता के विकास हो सकता है, लेकिन समानता के लिए विकास जरूरी है।

विधि मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस साल भारत की विकास दर 7.4 प्रतिशत और अगले साल 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो दुनिया में सर्वाधिक होगी। साथ ही खुदरा महँगाई नियंत्रण में है और दुनिया में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में आ रहा है। यह सब मौजूदा सरकार की नीतियों में स्पष्टता के कारण संभव हुआ है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर देश की साख बढ़ी है और अब आबादी के अनुपात में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उसका प्रभुत्व स्थापित हो चुका है। श्री प्रसाद ने संप्रग सरकार और मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हुये कामों की तुलना करते हुये कहा कि पिछले तीन साल में एक लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा गया है। ‘जनधन-आधार-मोबाइल’ (जैम) की मदद से सरकारी सब्सिडी सीधे बैंक खातों में हस्तांतरित करने से 83 हजार करोड़ रुपये बचाये गये हैं। भीम ऐप से होने वाला लेनदेन मार्च 2018 तक बढ़कर 24,172 करोड़ रूपये पहुँच गया। अब तक 270 अस्पतालों को डिजिटल मंच से जोड़ा गया है।

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