भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह की कंपनी के आर्थिक लेनदेन को लेकर उठाए गए सवालों की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के ज़मीन घोटाले के मामले से तुलना को बेतुका बताते हुए आज कहा कि जय शाह के व्यापार में कोई सरकारी लेनदेन या खरीद फरोख्त नहीं हुई है। 


पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों ने कहा कि जय शाह एक निजी हैसियत वाले व्यक्ति हैं और उनके व्यापार में कहीं से कोई भी सरकारी विभाग के साथ लेनदेन या खरीद फरोख्त का मामला नहीं है, जबकि श्री वाड्रा को मदद करने के लिये एक ही व्यक्ति से ज़मीन लेकर सरकारी मदद से भू उपयोग प्रमाणपत्र में बदलाव करके कई गुने दाम पर उसी को बेचा गया था। उनके मामले में सरकार की सीधी भूमिका थी।
सूत्रों ने कहा कि जय शाह ‘दि वायर’ के मालिक, संपादक एवं लेख के लेखक के विरुद्ध एक सौ करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा एक दो दिन में अहमदाबाद में दायर किया जाएगा। उन्होंने इस मामले में पूरी तरह से कठोर रुख अपनाने का इशारा करते हुए कहा कि दि वायर में दी गयी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल की तस्वीरें लगायी गयीं हैं, जिनकी इस मामले में दूर-दूर तक कोई भूमिका नहीं है। इससे साफ होता है कि रिपोर्ट का मकसद केवल दुर्भावनापूर्ण ढंग से छवि को नुकसान पहुंचाना और प्रतिष्ठा को धूल धूसरित करना है।
उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि मानहानि के मुकदमों में अभियुक्त माफी मांग लेता है और मुकदमा करने वाला माफ कर देता है। लेकिन वर्तमान नेतृत्व ऐसा नहीं करेगा। उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध दायर मुकदमे की याद दिलाते हुए कहा कि दिल्ली में एक और मानहानि का मुकदमा प्रगति पर है।

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