एसएम राजू

बिहार कैडर के आईएएस अफसर एसएम राजू को स्कालरशिप घोटाला के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. राजू का करियर दिलचस्प है. 18 साल की सेवा में उनके नाम कामयाबी का वर्ल्ड रिकार्ड भी है तो बदनामी का काला धब्बा भी. 

एसएम राजू
में लीवर और कैंसर से संबधित अनेक हर्बल दवाओं को बनाया और इसके लिए उन्हें काफी प्रशंसा भी मिली.

कर्नटाक निवासी एसएम राजू का पूरा नाम सुलतानपेट मुन्नीलकप्पा राजू है. एक किसान के घर जन्मे राजू एग्रिकलचर ग्रेजुएट हैं. बिहार सरकार ने उन्हें एससी एसटी स्कालरशिप घोटाले के आरोप में गुरुवार को निलंबित कर दिया है. राजू के रिकार्ड बताते हैं कि 2003 में जब अपने गृह राज्य कर्नाटक में थे तो आईटीआई प्रवेश परीक्षा के बाद नामांकन घोटाले में वहां के लोकायुक्त ने उन्हें रिस्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था. इस मामले में उन्हें 19 लाख रुपये का घूस लेने के बाद तब भी निलंबित कर दिया गया था. लेकिन तब भी राजू इस मामले से निकल गये थे.

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ऐसा नहीं है कि राजू भ्रष्टाचार के मामले में हमेशा बदनाम रहे हैं. उनके रिकार्ड से पता चलता है कि वह एक कामयाब नेतृत्वकर्ता और सफल ब्यूरोक्रेट भी खुद को साबित करते रहे हैं. यह राजू ही हैं जिन्होंने बोध गया के महाबोधी मंदिर का पुर्विकास करके उसे ख्याति दिलायी. 90 के दशक में तब वह गया के डीएम हुआ करते थे. इतना ही नहीं एक कृषि ग्रेजुएट होने के नाते उन्होंने हाल ही

कुछ साल पहले राजू तब काफी सुर्इखियों में आये थे जब उन्होंने बिहार भर में अपने नेतृत्व में एक दिन में 9 करोड़ 60 लाख वृक्षारोपन करके विश्व रिकार्ड बनाया था. कमाल की बात यह थी कि इस काम के लिए उन्होंने 7 हजार गांवों से 3 लाख ग्रामीणों की मदद से यह काम अंजाम दिया था. 2009 में बीबीसी ने उन्हें प्लांटिग गुरु के रूप में पेश किया था.

 

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