विपक्ष द्वारा न्यायपालिका में आरक्षण की मांग किये जाने के बाद अब मोदी सरकार के मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी इसके लिए कमर कस ली है. तभी तो वे न्यायपालिका में आरक्षण की मांग को लेकर 20 मई से हल्‍ला बोलने की तैयार भी कर रहे हैं. मालूम हो कि उपेंद्र कुशवाहा मोदी कैबिनेट में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री हैं.  

नौकरशाही डेस्‍क

इस मामले को लेकर उन्‍होंने कहा कि देश में संविधान के अनुसार जो आरक्षण की व्यवस्था है वो पूरी तरह से लागू होनी चाहिए. हाल के दिनों में कोर्ट के निर्णय से एसटी-एसटी और ओबीसी के हित प्रभावित हुए हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है कि इस तबके के लोग ज्यूडिशरी में नहीं है.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज देश में पिछड़े-अति पिछड़े और दलित की संख्या अस्सी प्रतिशत से ज्यादा है. लेकिन अदालत ने आरक्षण को पचास प्रतिशत पर बांध दिया है. इसके लिए उन्‍होंने सुप्रीमकोर्ट या हाईकोर्ट में पिछड़ों-अति पिछड़े ओबीसी या दलितों का प्रतिनिधित्व नहीं को जिम्‍मेवार ठहराया. उपेंद्र कुशवाहा ने न्यायपालिका में आरक्षण की मांग को लेकर हल्ला बोल और दरवाजा खोल का नारा भी दिया है.

 

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