मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ दो दिनों की लंबी बैठक के बाद 28 मिनट पत्रकारों के साथ बैठे। पटना के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस ने उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और पत्रकारों को साथ-साथ धोया और कहा कि ईवीएम को ‘फुटबॉल’ मत बनाइए।

 वीरेंद्र यादव

इवीएम में गड़बड़ी और इसके इस्तेमाल को लेकर उठाये सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि गड़बड़ी दो प्रकार की होती है। एक तकनीकी और दूसरी साजिश के तहत। ईवीएम में साजिश के तहत गड़बड़ी संभव नहीं है। क्योंकि सिस्टम किसी एक व्यक्ति के हाथ नहीं होता है। इवीएम की तकनीकी सुरक्षा की फूलप्रूफ व्यवस्था है। जहां तक तकनीकी गड़बड़ी का सवाल है। इस टेबुल पर इतने सारे माईक रखे हुए हैं। इसमें भी दो-तीन खराब हो सकते हैं। सीईसी ने कहा कि पिछले 5 राज्यों के चुनाव में 1 लाख 76 हजार से ईवीएम लगाये गये थे, उनमें से मात्र 6 ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत मिली, जिसे दूर कर दिया गया। आयोग की कोशिश है कि ऐसी कोई शिकायत ही नहीं मिले। उन्होंने ईवीएम को लेकर राजनीतिक दलों की शिकायत पर कहा कि जब पार्टियां खुद हारती हैं तो ईवीएम में गड़बड़ी नजर आती है और खुद जीतती हैं तो ईवीएम ठीक हो जाती है। ईवीएम को फूटबॉल मत बनाइए।
राजनीतिक दलों के साथ बैठक में उठाये गये मुद्दों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उन पर आयोग गंभीर है और व्यावहारिक सुझावों पर अमल भी किया जाएगा। राजनीतिक पार्टियां अपनी शिकायत के पक्ष में कोई उदाहरण नहीं दे सकीं। आयोग पार्टियों से बराबर बीएलए (बूथ लेवल एजेंट, जो पार्टी प्रतिनिधि होते हैं।) नियुक्ति का आग्रह करता है, लेकिन अधिकतर पार्टियां इस पर ध्यान नहीं देती हैं। हालांकि कुछ पार्टियां जरूर इस मुद्दे पर गंभीर हैं। गृहसचिव अमीर सुबहानी के एक ही पद पर बने रहने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आयोग फिल्ड लेवल के अधिकारियों की नियुक्ति या प्रतिनियुक्ति पर ध्यान रखता है।
चुनाव तिथि की घोषणा के संबंध में उन्होंने कहा कि इस संबंध में आयोग दिल्ली में पीसी करके आपको सूचना देगा। फेक न्यूज के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। सुनील अरोड़ा ने कहा कि आयोग निष्पक्ष, भयमुक्त और शांतिपूर्ण मतदान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए राजनीतिक पार्टियों, अधिकारियों और आम लोगों से सहयोग का आग्रह किया।

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