2011 में हुई प्रिंसिपल नियुक्ति घोटाले के जिन्न को बाहर निकलाते हुए निगरानी ने इस मामले में मगध और महाराजा कामेश्वर सिंह विश्विविद्यालय के पूर्व कुलपतियों पर एफआईआर दर्ज कर लिया है.

इस घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद ये दोनों अब जेल जायेंगे, यह तय है.

ये कुल पूर्व कुलपति हैं प्रो अरुण कुमार, मगध वि. वि. और महाराजा कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के पूर्व कुलपति प्रो सुरेंद्र कुमार. उनके अलावा विभिन्न कॉलेजों में कार्यरत 12 प्रिंसिपलों पर  भी एफआइआर दर्ज की गयी है. मगध विवि में 2011 में 22 प्रिंसिपलों की नियुक्ति हुई थी.

 

इस मामले में निगरानी ने छानबीन करने में करीब डेढ़ साल लगाया.

इन पर भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम, 1988 की धारा- 7 (2) के अलावा सात अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मगध विवि में 2011 में 22 प्रिंसिपलों की नियुक्ति हुई थी.

इसमें बड़े स्तर पर अनियमितता बरती गयी थी. 22 में 10 प्रिंसिपलों की नियुक्ति को पूरी तरह से फर्जी पाने के बाद निगरानी ने इन पर एफआइआर किया है. निगरानी अपनी छान-बीन में इस नतीजे पर पहुंची है कि तत्कालीन वीसी प्रो अरुण कुमार समेत कुछ अन्य ने अपने पद का दुरुपयोग किया. इस कारण इन्हें भी दोषी पाया गया है. शेष प्रिंसिपलों की नियुक्ति के मामलों की जांच अभी  निगरानी में चल ही रही हैं.

ये हैं जिन पर हुई एफआइआर

– प्रो अरुण कुमार, पूर्व कुलपति (मगध विवि)

– प्रो ब्रrाचारी सुरेंद्र कुमार, पूर्व कुलपति (महाराजा कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि, दरभंगा)

– प्रो डीके यादव, कुलसचिव (मगध विवि)

– प्रो श्रीकांत शर्मा, प्रिंसिपल (टीपीएस कॉलेज, पटना)

– प्रो ओम प्रकाश सिंह, प्रिंसिपल (एसएस सिंह कॉलेज)

– प्रो पुष्पेंद्र कुमार वर्मा, प्रिंसिपल (अरविंद महिला कॉलेज, पटना)

– प्र सुनील सुमन, प्रिंसिपल (जगजीवन कॉलेज, गया)

– प्रो दिलीप कुमार, प्रिंसिपल (किसान कॉलेज, सोहसराय, बिहार शरीफ)

– प्रो सतीश सिंह चंद्रा, प्रिंसिपल (डीएस कॉलेज, दानापुर)

– प्रो सत्येंद्र प्रजापति, प्रिंसिपल (गौतम बुद्ध कॉलेज, गया)

– प्रो मीरा कुमारी, प्रिंसिपल (महिला कॉलेज, खगौल)

– प्रो जितेंद्र रजक, प्रिंसिपल (एमडीएम कॉलेज, पुनपुन)

– प्रो. विजय रजक, प्रिंसिपल (शेरघाटी कॉलेज, गया)

– प्रो मो. सैफुद्दीन इस्लाम, प्रिंसिपल (गया कॉलेज, गया)

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