बिहार सरकार में कार्यरत 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 75 प्रतिशत अधिकारी किसी न किसी मर्ज के शिकार हैं इस तथ्य का खुलासा अधिकारियों की जांच रिपोर्ट से हुआ है.health

2013 में सामान्य प्रशासन विभाग में जमा कराये गये स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट में अधिकतर अधिकारियों के कार्य दबाव के कारण डायबिटीज, ब्लड प्रेशर व दिल की बीमारी से ग्रसित हैं.

हाला ही में सरकार ने अपने अधिकारियों की स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट या सेहत प्रमाण पत्र को अनिवार्य बना दिया है. सेहतमंद होने का प्रमाणपत्र न सिर्फ पोस्टिंग में आवश्यक है बल्कि कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (पीएआर) में भी रिमार्क्स के रूप में दर्ज होगा. सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है.

केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने अखिल भारतीय सेवा व राज्य सेवा के अधिकारियों को प्रत्येक वर्ष स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिया है. मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट अप्रैल के अंत तक सामान्य प्रशासन विभाग में जमा कराना है अनिवार्य है. सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा,भारतीय वन सेवा व बिहार प्रशासनिक सेवा,बिहार पुलिस सेवा, बिहार वित्त (वाणिज्य कर) सेवा के अधिकारियों को किसी भी सीजीएचएस से मान्यताप्राप्त निजी एवं सरकारी चिकित्सा संस्थान व केंद्र में स्वास्थ्य जांच करानी होगी.

जांच में ब्लड सुगर, डायबिटीज, कार्डियोलॉजी, नेत्र जांच, ब्लड प्रेशर और महिला अधिकारियों के लिए इन जांचों के अलावा गाइनोलॉजिकल टेस्ट भी कराना होगा. सरकार ने जांच के लिए राशि भी निर्धारित कर दी है. पुरुष अधिकारियों के लिए दो हजार रुपये व महिला अधिकारियों के लिए 2200 रुपये देने का प्रावधान है.

By Editor