रेलवे यातायात बाधित करने के आरोपी बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और विधायक संजीव चौरसिया समेत सात लोगों ने आज सांसदों एवं विधायकों की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया, जहां बाद में उन्हें जमानत पर मुक्त कर दिया गया।

विशेष न्यायाधीश परशुराम सिंह यादव की अदालत में आत्मसमर्पण करने के साथ ही श्री पांडेय, श्री चौरसिया, पूर्व वार्ड पार्षद एवं भारतीय जनता पार्टी की नेता हेमलता वर्मा एवं करुणा विद्यार्थी तथा अशोक कुमार विद्यार्थी, संतोष रंजन और संजय कुमार ने आत्मसमर्पण करने के साथ ही नियमित जमानत पर मुक्त किये जाने की प्रार्थना की थी। आवेदन पर सुनवाई के बाद अदालत ने सातों लोगों को पांच-पांच हजार रुपये के निजी मुचलके तथा उतनी ही राशि के दो जमानतदारों के साथ बंध-पत्र दाखिल करने के बाद जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया।

आरोप के अनुसार, 28 फरवरी 2014 को भाजपा कार्यकर्ताओं ने सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व पटना के सचिवालय हॉल्ट के पास रेल परिचालन को बाधित किया था। रेलवे सुरक्षा बल ने श्री मोदी समेत 116 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों की उपस्थिति के लिए सम्मन जारी किया था। श्री मोदी समेत कई अन्य नेता पूर्व में जमानत पर रिहा हो चुके हैं।

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