मस्जिद की बिखरी ईंटे भी हिसाब लेंगी

मस्जिद की टूटी ईंटें इसकी खस्ताहाली की बयान कर रही हैं लेकिन जिनके बाप-दादों ने इस मस्जिद को दान में दी उनके वंशज इसकी मिलकियत के लिए तलवार खीचे बैठे हैं. लेकिन अब ऐसा हल निकलने वाला है जिसकी मिसाल कम ही मिलती है.

मस्जिद की बिखरी ईंटे भी हिसाब लेंगी
मस्जिद की बिखरी ईंटे भी हिसाब लेंगी

अंजुम परवेज, हाजीपुर, महनार से

महनार बाजार जामा मस्जिद का विवाद का हल अब अवाम (जनता)ही निकालेगी।बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने यही निर्णय सुनाया है।ये पुरे बिहार में शायद पहली बार हो रही है कि किसी मन्दिर-मस्जिद के कमिटी का गठन जनता के द्वारा वोट गिरवा कर कराया जाए।

मिली जानकारी के मुताबिक 8 अप्रैल को वक़्फ़ बोर्ड से 3 सदस्यीय कमिटी महनार जामा मस्जिद आएगी जिसमे महनार के एस डी एम,एस डी पी ओ,सी ओ और पुलिस फ़ोर्स रहेगी।ये लोग नमाज़ शुरू होते ही मस्जिद का गेट बन्द कर देंगे।नमाज़ खत्म होने पर प्रत्येक नमाज़ी चाहे वो जहां के रहने वाले हो,उससे कोई मतलब नही है।वो एक वोट गिराएंगे और बाहर निकलते जायेंगे।इस दौरान बाहर से अंदर जाने की इजाजत किसी को नही मिलेगी।

होगा भारी जुटान

इस प्रक्रिया के कारण 8 तारीख को मस्जिद में नमाज़ियों की भारी भीड़ जुटने का अनुमान है।क्योंकि यहां पर दोनों पक्ष अपने अपने दोस्तों और सगे सम्बंधियों को नमाज़ में शामिल होने का दावत दे रहे है और इसके लिए जनसम्पर्क अभियान भी चल रहा है।

अवाम की राय

कमिटी कैसी होगी-अब कोई सदर/सेक्रेट्री नही चुना जाएगा।मोत वल्ली ही सारा काम खुद देखेगा।मोत वल्ली पद के लिए मरहूम रेयाज़ इंजिनीअर साहब के पुत्र मो0ओवैद और मरहूम ग्यास साहब के पुत्र मो0 कलाम के बीच जंग चल रही है।दोनों भूमिदाता मरहूम उमर साहब के पोता है।सदर/सेक्रेट्री का ओहदा खत्म होने पर मोत वल्ली का महत्व काफी बढ़ चूका है और इस कारण अवाम में भी बगावत के सुर उभर रहा है।कुछ लोगो का कहना है कि मस्जिद को वक़्फ़(दान) कर दी गई तो फिर कैसा लालच और कैसा खानदानी विरासत?अवाम से किसी को भी उम्मीदवार बनने और NOTA का भी विकल्प मतदान में रखा जाए।

बताया गया है कि बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के सी इ ओ नौशाद आलम ने एक पत्र लिख कर वैशाली के डी एम और एस पी को इस मतदान होने की जानकारी भेज दिया है।

अब मेरे तरफ से आप लोगो से यही गुजारिश है कि आप लोग वक़्त निकाल कर 8 अप्रैल को महनार जामा मस्जिद में आइए और नमाज़ से फारिग हो कर अपना एक कीमती वोट गिरा कर पढ़े लिखे और समझदार उम्मीदवार को मोत वल्ली बनाए।जो लोग महनार से बाहर है वो अपने परिवार से कम से कम एक मर्द को जरूर भेजवाये।ताकि कोई अच्छा आदमी मोत वल्ली बने और मस्जिद का इन्तेज़ामिया दुरुस्त हो।आप लोग ज्यादा से ज्यादा फैलाने के लिए इसको शेयर भी करे और कमेंट दे कर अपने ख्यालात का भी इजहार करे।

 

 

 

 

By Editor