विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमर कस चुका है. कोशिश हो रही है कि एक साझा उम्मीदवार खड़ा किया जाये. नीतीश कुमार प्रणव मुखर्जी को दुबारा मैदान में उतारने के पक्ष में हैं लेकिन यह संभव होता नहीं दिख रहा है. क्योंकि प्रणव मुखर्जी के नाम पर आम सहमति की बात नीतीश कुमार ने की थी, जबकि भाजपा इस पर तैयार नहीं है.

उधर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपना नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने से मना कर दिया है. ऐसे में लालू प्रसाद पर सब की निगाहें टिकी हैं. लालू चाहते हैं कि ममता बनर्जी, मायावती सरीखे तमाम नेताओं से मिल बैठ कर एक साझा उम्मीदवार तय किया जाये.

इधर खबर है कि सोनिया गांधी ने अपना दूत लालू प्रसाद के पास भेजा है जो इस मुद्दे पर लालू से बात कर रहा है. इस बीच ममता बनर्जी पिछले दिनों सोनिया गांधी से मिल चुकी हैं. उन्होंने इस मामले पर लालू प्रसाद से भी बात की है. समझा जाता है कि विपक्ष जल्द ही इस मामले पर अपने संयुक्त उम्मीदवार का नाम घोषित करेगा.

उधर नीतीश कुमार के बारे में समझा जाता है कि वह प्रणव मुखर्जी के नाम को सामने लाने के बावजूद उनके नाम पर ही रिजिड नहीं हैं. वह भी चाहेंगे कि कोई साझा उम्मीदवार खड़ा किया जाये. क्योंकि उन्होंने प्रणव मुखर्जी का नाम पक्ष-विपक्ष तमाम दलों की सहमति की स्थिति में की थी.

चूंकि भाजपा प्रणव मुखर्जी के नाम पर सहमत होने को बिल्कुल तैयार नहीं है. ऐसे में विपक्ष इस बात पर गहराई से मंथन कर रहा है कि कोई दूसरा उम्मीदवार खोजा जाये. ऐसे में इस मामले में लालू प्रसाद की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है. लालू की कोशिश है कि वामपंथी पार्टियों और अन्य क्षेत्रीय दलों से बात करने के बाद कोई नाम तय हो सकता है.

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