रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के लिए स्‍टार्टअप्‍स की परिभाषा में संशोधन और पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार से नए छोटे उद्यमों को मान्‍यता प्रमाण पत्र प्रदान करने में लगने वाला समय 15 दिन से घटकर मात्र चार दिन रह गया है।


केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सूत्रों ने आज यहां बताया कि सरकार की प्रतिबद्धता युवाओं को रोजगार देने की है और इसके लिए स्वरोजगार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। समय समय पर सरकार संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करती है और इनमें सुधार करती है। सरकार ने स्टार्टअप शुरू करने की प्रक्रियाओं में बदलाव किया है , जिससे नये उद्यमों की पंजीकरण प्रकिया का समय 15 दिन से घटकर चार दिन रह गया है।

नए बदलावों के परिणामस्वरुप वित्त वर्ष 2017-18 में 7968 स्‍टार्टअप्‍स को मान्‍यता प्रदान की गयी , जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में मात्र 797 स्‍टार्टअप्‍स को ही मान्‍यता दी जा सकी थी। आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2016 से लेकर अब तक औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने कुल मिलाकर 8765 स्‍टार्टअप्‍स को मान्‍यता प्रदान की है। मान्‍यता प्राप्‍त करने वाले स्‍टार्टअप्‍स में से 15 प्रतिशत स्‍टार्टअप्‍स आईटी सेवाओं, नौ प्रतिशत स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं एवं जीवन विज्ञान क्षेत्र, सात प्रतिशत शिक्षा क्षेत्र, छह प्रतिशत प्रोफेशनल एवं वाणिज्‍यि‍क सेवाओं और चार प्रतिशत स्‍टार्टअप्‍स कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। स्‍टार्टअप्‍स के समस्‍त निदेशकों में से 35 प्रतिशत निदेशक महिलाएं हैं। इसके अलावा, 88 स्‍टार्टअप्‍स को अंतर-मंत्रालय बोर्ड ने कर छूट का दावा करने के लिए प्रमाणित किया है।

By Editor