अरविंद केजरीवाल के नक्शे कदम पर चलते हुए अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरने ने भी घोषणा कर दी है कि उनके काफले में सायरन नहीं बजेगा.hemant_soren-325_010414090404

इतना ही नहीं उन्‍होंने मंत्रियों को अपने काफिले से अनावश्यक कारों को हटाने की भी हिदायत दी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनावश्यक रूप से बड़े काफिले के कारण आम जनता की दिक्कतों के प्रति मंत्री और अधिकारियों को भी संवेदनशीलता होना चाहिए. उन्‍होंने साफ कहा कि जहां जितनी सुरक्षा की आवश्यकता है, उतने सुरक्षाकर्मी ही रखा जाये.

दरअसल, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को अपनी नीतियों के कारण मिल रहे जनसमर्थन से अन्‍य राजनीतिक पार्टियां हैरान हैं.

इधर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी हिदायत दी थी कि अनाधकृत रूप से वाहनों पर लाल बत्ततियों का बेजा इस्तेमाल रोका जाना चाहिए.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने आधिकारिक वाहन से लाल बत्ती हटा दी है. सहारा समय के अनुसार अपने आधिकारिक वाहन से लाल बत्ती हटाने के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुएं निशंक ने कहा , ‘‘व्यक्ति अपनी शख्सियत की बदौलत जाना जाता है न कि अपने वाहन पर लगी लाल बत्ती से’’.
राज्य में पहली बार किसी पूर्व मुख्यमंत्री को मिली इस तरह की सुविधा उनके सरकारी वाहन से हटाई गयी है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता अवधेश कौशल ने हाल में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को पत्र लिखकर राज्य में पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा अवैध तरीके से उठाई जा रही इस तरह की सुविधाओं को फौरन समाप्त करने को कहा था.

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