धान घोटाले में एक से नौ करोड़ के 300 मामलों की जांच

-हाईकोर्ट के आदेश के बाद गठित इस मामले की रिपोर्ट तीन महीने में सौंपी जानी है. इस टीम ने अपनी जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत शुरू में उन मामलों की ही जांच शुरू की गयी है, जिनमें एक करोड़ से ज्यादा और आठ करोड़ से कम के मामले शामिल हैं.राज्य में धान घोटाला से जुड़े 1202 एफआइआर दर्ज हैं अलग-अलग थानों में

पटना. 

धान घोटाले में एक से नौ करोड़ के 300 मामलों की जांच

राज्य में धान खरीद घोटाले के 300 से अधिक मामलों की जाँच सीआईडी ने शुरू कर दी है. जाँच के लिए सीआईडी के एडीजी विनय कुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय एक एसआइटी का गठन किया गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद गठित इस मामले की रिपोर्ट तीन महीने में सौंपी जानी है. इस टीम ने अपनी जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत शुरू में उन मामलों की ही जांच शुरू की गयी है, जिनमें एक करोड़ से ज्यादा और आठ करोड़ से कम के मामले शामिल हैं. इन बड़े मामलों की जांच सबसे पहले प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है. इस तरह के राज्य में करीब 300 मामले हैं. एक करोड़ से ज्यादा और आठ करोड़ से कम की गड़बड़ी करने वाले मिलरों की संख्या 300 है. इन मिलरों ने राज्य सरकार से धान की तो खरीद कर ली, लेकिन इसके बदले में चावल नहीं लौटाये और राज्य सरकार की राशि का गबन कर ली है. गौरतलब है कि राज्य में आठ करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी करने के नौ मामले हैं, जिनकी जांच इओयू (आर्थिक अपराध इकाई) कर रहा है. इनमें कुल 92 करोड़ की गड़बड़ी है. इसमें करीब चार मिलर की अब तक की संपत्ति जब्त हो चुकी है. सीआइडी ने जिन मिलरों के मामलों की जांच शुरू की है, उनसे जुड़े सभी कागजातों को संबंधित जिलों से एकत्र किये जा रहे हैं. राज्य में धान अधिप्राप्ति में किसी तरह की गड़बड़ी करने के मामले में अलग-अलग जिलों के थानों में अब तक 1202 एफआइआर दर्ज की जा चुकी है. जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि इसमें कितनी राशि की गड़बड़ी अब तक हुई है.

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