गुजरात के व्यवसायी पुत्र का बिहार में हुए अपहरण और 25 करोड़ रुपये की फिरौती वसूली पर तूफान मच ही गया है. कई वर्तमान और निर्वतमान अधिकारियों ने आक्रमक तेवर इख्तेयार कर लिये हैं.

सोहेल हिंगोरे की कार जिसे अपहरणकर्ताओं ने रोका था
सोहेल हिंगोरे की कार जिसे अपहरणकर्ताओं ने रोका था

विनायक विजेता

गुजरात के सूरत के अरबपति व्यवसायी हनीफ हिंगोरा के 23 वर्षीय पुत्र सोहैल हनीफ हिंगोरा के अपहरण और अपृहत को छोड़ने के एवज में 25 करोड़ की भारी राशि फिरौती के रुप में वसुले जाने के मामले को लेकर कई दिनों से पटना के अखबारो और सोशल मीडिया में छप रही खबर को लेकर बिहार के आला आईपीएस अधिकारियों में भी हड़कंप है।

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कई पूर्व और वर्तमान अधिकारी तो इस मामले में इतने आक्रामक मूड में आ गए हैं कि उन्होंने इतना तक कह डाला कि 1989 से लेकर 1998 तक बिहार के अपहर्ताओं द्वारा किए गए बाहरी और बिहार के व्यवसायियों के अपहरण में मध्यस्थ की भूमिका निभाने में कुछ पत्रकारों की अहम भूमिका रही है।

सौहैल हिंगोरा मामले को लेकर पटना पुलिस की साख पर उठे सवाल के बाद आक्रामक मुद्रा में आए कुछ पुलिस अधिकारियों की जब मैंने नब्ज टटोलने की कोशिश कर उनसे ऐसे पत्रकारों का नाम जानने की कोशिश की तो उन्होंने दो टूक में कहा कि शायद ‘आप भी हो सकते हैं पर बाद में कहा कि समय का इंतजार कीजिए जल्द ही खुलासा हो जाएगा।’

एक अधिकारी के अनुसार उस वक्त पुलिस के पास इतनी सुविधा नहीं थी की वह पर्याप्त साक्ष्य इक्कठ कर सके फिर भी पुलिस के पास इतने साक्ष्य जरुर हैं कि वो किसी सफेदपोश का चेहरा बेनकाब कर सके। पटना में पदस्थापित एक पूर्व आईपीएस अधिकारी भी ऐसे मामलों की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें भी इस मामले की काफी जानकारी है पर वह समय से पहले मुह खोलना उचित नहीं समझते।

उन्होंने तो इतना तक कह डाला कि ‘अखबारों या सोशल मीडिया पर इस अपहरण मामले में जिस तरह की खबरें आ रही हैं उससे भ्रम बढ़ता जा रहा है

By Editor