कर्नाटक में भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरने पर जनता दल राष्ट्रवादी के कंवेनर अशफाक रहमान ने कहा है कि जब तक कथित सेक्युलर पार्टियों का नजरिया सॉफ्ट हिंदुत्व पर टिकी रहेंगी तब तक भजापा जीतती रहेगी. उन्होने कहा कि जिस तरह से हिंदुत्व की जड़ें मजबूत हो रही हैं उससे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि भारत के मुसलमानों की हालत रोहिंग्या मुसलमानों की तरह होती जायेगी.

अशफाक रहमान

 

उन्होंने कहा कि मुसलमानों को कर्नाटक चुनाव से सबक लेना चाहिए.

 

अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमानों को अपनी सियासी ताकत पहचनानने के बजाये वे खुद को कभी इस खूंटे तो कभी उस खूटे से बांध देते हैं. मुसलमानों ने कथित सेक्युलर पार्टियों पर जितना भरोसा किया उतनी ही उनकी हालत बद से बदतर होती चली गयी. उन्होंने कहा कि उलेमा इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं. अशफाक ने कहा कि अगर मुसलमान अब भी नहीं जागे तो उनकी हालत और बुरी होगी और उन्हें ठोकरों के अलावा कुछ भी नहीं मिलेगा.

 

उन्होने कहा कि सेक्युलरिज्म के नाम पर सियासत करने वाली पार्टियां भाजपा का डर दिखा कर मुसलमानों का वोट लेती हैं और जब साम्प्रदायिकता से लड़ने की बात आती है तो वे जुबानी जमाखर्च के अलावा कुछ नहीं करते. इसका खामयाजा सिर्फ मुसलमानों को झेलना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अगर यही होता रहा तो देश में सेक्युलरिज्म नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि अब तो मुसलमानों को समझ जाना चाहिए कि भाजपा बिना पोलाराइजेशन के ही जीत रही है.

अशफाक रहमान ने कहा कि  अब मुसलमानों के सामने बस एक ही रास्ता बचा है कि वे अपना नेतृत्व खुद संभालें और दलितों व मेहनतकश व कमजोर लोगों को साथ ले कर अपनी राजनीति शुरू करें.

अशफाक रहमान ने कहा कि कुछ स्वघोषित सेक्युलर पार्टियां और सियासी गुलाम मानसिकता वाले मुसलमान लीडर यह अफवाह फैलाते हैं कि मुस्लिम नेतृत्व के उभार से पोलाराइजेशन होगा. अशफाक रहमान ने कहा कि क्या पोलाराइजेशन के डर से मुसलमान भारत छोड़ दें?

 

अशफाक रहमान ने कहा कि जनता दल राष्ट्रवादी अपने नेतृत्व को उभारने में लगी है.अब मुसलमानों को सोचना है कि सियासत में गुलाम बने रहना चाहते हैं या खुद अपना नेतृत्व उभारना चाहते हैं.

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