चीनी मीडिया आदतन खामोश हैं.मीडिया पर सरकारी नियंत्रण के चलते भारतीय भूमि पर उसकी घुसपैठ पर वहां के अखबारों की अपने नागरिकों को अंधेरे में रखने की कोशिश साफ झलकती है.नौकरशाही डॉट इन अपने पाठकों से चाइनिज मीडिया के रुख को साझा कर रहा है.chinapublic

भारतीय भूमि पर चीनी घुसपैठ की खबरें आम तौर पर चीन के अखबारों में नदारद है.चीन के बड़े अखबार चाइना डेली के पन्ने खोजने पर भी भारत-चीन सीमा विवाद की खबरें नहीं दिख रही हैं. लेकिन पीपुल्स डेली ने एक खबर भारत और चीन के बीच ताजा विवादों के संबंध में लगायी है.

लेकिन इस खबर में भी अखबार ने सिर्फ वही कुछ बताने की कोशिश की है जो सरकार का पक्ष है. जाहिर है चीन के नागरिकों को वहां की सरकार अँधकार में रख रही है और यह आभास दिलाना चाहती है कि चीन भारत के साथ अच्छे संबंध कायम रखने की कोशिश में है.

पीपुल्स डेली की इस खबर को पढ़ने से साफ लगता है कि चीन अपने देश के लोगों से सच्चाई छुपा रहा है और वह यह जताना चाहता है कि चीन भारत के साथ संबंध को मधुर बनाये रखना चाहता है.

अखबार चीन की विदेश विभाग की प्रवक्ता के हवाले से लिखता है कि चीन और भारत के अधिकारी एक दूसरे के सम्पर्क में हैं और इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि सीमा मुद्दे का हल समुचित तरह से निकल जाये.

विदेश विभाग की प्रवक्ता हुआ चुनियांग ने भारतीय मीडिया में आ रही खबरों पर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा-दोनों पक्ष आपसी सम्पर्क और बातचीत से मसले के हल के लिए काम कर रहे हैं. और उचित समाधान पर विमर्श कर रहे हैं.

प्रवक्ता ने कहा सीमा मुद्दा इतिहास की देन है फिर भी दोनों पक्ष आपसी सहमति पर पहुंच गये हैं कि दोनों देशों के रवैये से आपसी रिश्तों पर कोई प्रभाव न पड़े.

प्रवक्ता ने कहा- हमें विश्वास है कि चीन और भारत दोनों समझदार देश हैं और मौजदा विवाद को दोस्ताना तरीके से सुलझा सकते हैं.

हालांकि उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ कुछ न कुछ समस्या तो रहती ही है लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि दोनों पक्ष समस्याओं का मित्रवत समाधान निकालने की कोशिश करें. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सीमा पर शांति और भाईचारा बनाये रखना दोनों देशों के हित में है.

By Editor