मीडिया में यह जोरदार चर्चा है कि एनडीटीवी के शेयर का बहुत बड़ा हिस्सा स्पाइसजेट के प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने खरीद लिया है. यह वही एनडीटीवी है जिसे मोदी सरकार ने एक दिन के लिए प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था लेकिन अदालत की रोक के बाद यह प्रतिबंध उठा लिया गया था.

एनडीटीवी के सौदे की खबर इंडियन एक्सप्रेस में छपी है. बताया गया है कि इसके लिए स्पाइसजेट की तरफ से छह सौ करोड़ रुपये अदा किया जाना है. हालांकि एनडीटीवी ने साफ किया है कि उसके शेयर की बिक्री का कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है.

हालांकि इंडियन एक्सप्रेस ने एक सोर्स को कोट करते हुए लिखा है- हां अजय सिंह ने एनडीटीवी को और उसके एडिटोरियल अधिकार दोनों को खरीद लिया है. बताया गया है कि अजय सिंह ने एनडीटीवी के 40 प्रतिशत शेयर को खरीदा है जबकि एनडीटीवी के प्रोमोटर प्रणय राय और उनकी पत्नी राधिका राय की अब हिस्सेदारी 20-20 प्रतिशत रहेगी.

एनडीटीवी ने सरकार के इस फैसले का कड़ा प्रतिवाद किया था और इसे अदालत तक खीच लाया था. हालांकि एनडीटीवी के बिकने की खबर के बाद बताया जा रहा है कि अजय सिंह भाजपा के करीबी रहे हैं. ऐसे में एनडीटीवी की खबरों की नीति में बदलाव आ सकता है.

बताया जाता है कि एनडीटीवी पिछले दस वर्षों से भारी नुकसान में चल रहा है. अजय सिंह भारतीय जनता पार्टी के न सिर्फ बड़े समर्थक रहे हैं बल्कि वह 2014 में पीएम मोदी के चुनाव कम्पेन में भी भाग ले चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार के आलोचक रहे रवीश कुमार और दीगर पत्रकारों को मजबूर हो कर यह चैनल छोड़ना पड़े.

इस खबर के बाद रिपब्लिक के एडिटर व भाजपा के कट्टर समर्थक अर्नब गोस्वामी ने तंज करते हुए लिखा है कि अब रवीश मोदी के खिलाफ सड़क पर आंदोलन शुरू कर सकते हैं.

कीर्ति नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया है कि आज से एनडीटीवी का मतलब नरेंद्र दामोदर दास टेलिविजन हो गया है. वहीं नरेंद्रमोदी177 ट्विटर हैंडल जो पीएम मोदी के समर्थक का हैंडल है ने लिखा है कि कैसे हो रवीश. अब जाओ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लो.

 

 

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