बिहार विधान परिषद के सदस्य सह कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए सीएम राहत कोष में अपने एक महीने का वेतन देने की घोषणा की है।

दीपक कुमार, बिहार ब्यूरो प्रमुख

साथ ही पार्टी के सभी एमएलए और एमएलसी से इसकी घोषणा करने की अपील की है।वहीं,इस विषम परिस्थिति में एमएलए व एमएलसी अपने ऐच्छिक कोष की अधिकतम राशि का उपयोग कोरोना से निपटने वाले आवश्यक उपकरण,दवा एवं सामग्री की खरीददारी में कर सकें इसके लिए जनहित में पूर्व से जारी प्रावधान में तत्काल परिवर्तन करते हुए कोरोना मद में राशि खर्च करने की अनुशंसा का सीएम से मांग की है।

मिश्रा ने कहा कि वर्तमान प्रावधानों के मुताबिक विधायक निधि का इस्तेमाल हम चाह कर भी अपने क्षेत्र या जिले में कोरोना जैसे घातक वायरस से निपटने के कार्यों में नहीं कर सकते. परंतु मौजूदा हालात में ऐसा करना अनिवार्य है. उन्होंने बिहार सरकार, खास कर मुख्यमंत्री से अपील की कि विधायक फंड के इस्तेमाल के लिए नियमों परिवर्तन किया जाना चाहिए.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नीतीश सरकार प्रेमचंद्र मिश्रा के इस आग्रह को स्वीकार करेगी.

गौरतलब है कि कोरोना संकट से निमंटने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से एक सौ करोड़ रुपये जारी किया गया है.

उधर इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने सबसे पहले अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का ऐलान किया था. इसके बाद अनेक विधायकों ने भी उनका अनुसरण किया.

दूसरी तरफ राज्य सरकार कि अनेक कम्पनियों ने भी राहत कोष में अनुदान देने का ऐलान किया है.

राहत कोष में किसने कितनी राशि दी

मुख्यमंत्री राहत कोष में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ने तीन करोड़ रूपये का चेक, बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिषन कम्पनी लिमिटेड ने 5 करोड़ 27 लाख रूपये का चेक, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड ने ढ़ाई करोड़ रूपये, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने 20 करोड़ रूपये का चेक, बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर काॅरपोरेषन लिमिटेड ने 10 करोड़ रूपये का चेक एवं भारतीय प्रषासनिक सेवा संघ, बिहार शाखा की तरफ से 5 लाख रूपये का चेक सौंपा गया।

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