पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर शकील अहमद किशनगंज लोकसभा क्षेत्र का चार दिवसीय दौरा करेंगे। वे 21 अप्रैल से 24 अप्रैल 2024 तक किशनगंज में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मो. जावेद के पक्ष में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व बिहार में जिन सीटों पर गंभीर है, उनमें किशनगंज पहले नंबर पर है। 2019 में मोदी लहर के बावजूद यहां कांग्रेस को जीत मिली थी। बिहार में किशनगंज ही एकमात्र सीट है, जहां 2019 में विपक्ष को जीत मिली थी। डॉ. शकील अहमद के किशनगंज में चार दिनों तक कैंप करने का लाभ डॉ. मो. जावेद को मिलेगा।

किशनगंज से कांग्रेस सांसद और प्रत्याशी डॉ. मो. जावेद ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए मतदाताओं से कहा कि यहां दो ऐसी पार्टियां हैं जो एक-एक मजहब की बात करती हैं, जबकि कांग्रेस सभी मजहब की बात करती है। हम बांटते नहीं, जोड़ते हैं। हमारी विरासत रही है कि दूसरे धर्म के लोग भी हमारे भाई है, चाचा है, दादा हैं। हम सिर्फ भाई, चाचा या दादा कहके पुकारते ही नहीं, बल्कि दिल से यही रिश्ता मान कर व्यवहार करते आए हैं। भाईचारगी रहेगी, तभी देश, प्रदेश, हमारा क्षेत्र, हमारा मुहल्ला, हमारी रोजी-रोजगार में वृद्धि होगी। खुशहाली आएगी। कांग्रेस सभी धर्मों में प्यार-मोहब्बत चाहती है, जबकि जो लोग सिर्फ एक धर्म की बात करते हैं, वे समाज को बांटने का काम करते हैं।

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डॉ. मो. जावेद ने मीडिया से बात करते हुए अपने कामों की लंबी फेहरिस्त भी दी और कहा कि हम काम करते हैं। दूसरे लोगों को भी मौका मिला, लेकिन उन्होंने काम नहीं किया। डॉ. जावेद लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं और लोगों के समर्थन से उत्साहित दिखे।

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