केरल में EVM के मॉक पोल्स के दौरान भाजपा को अतिरिक्त वोट मिलने से हंगामा हो गया। केरल की मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उठा। कोर्ट ने चुनाव आयोग को मामले की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट में EVM में पड़े वोट का VVPAT से मिलान करने की याचिका पर सुनवाई चल रही थी, इसी दौरान केरल में मॉक पोल्स में भाजपा को अतिरिक्त वोट मिलने का मामला भी उठ गया। हालांकि पहले भी ऐसी शिकायत मिलती रही है कि मॉक पोल्स में भाजपा को वोट अधिक मिले, लेकिन पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को जांच का आदेश दिया है।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट में EVM में पड़े वोट का VVPAT से मिलान मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि स्लिप की गिनती संभव नहीं है। आयोग ने कहा कि VVPAT का कागज बहुत पतला होता है और चिपचिपा होता होता। इसे गिनती करने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है। इलेक्टोरल बॉन्ड की सुनवाई के दौरान एसबीआई ने शुरू में कोर्ट में कहा था कि इसका आंकड़ा तुरत देना संभव नहीं है। एसबीआी ने जून तक का समय मांगा था, हालांकि कोर्ट के सख्त होने पर फिर 24 घंटे में ही सारा आंकड़ा एसबीआई ने चुनाव आयोग को दे दिया था। अब देखना है कि VVPAT की गिनती के सवाल पर आगे क्या होता है।

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पूरे मामले पर कांग्रेस ने कहा EVM पर बटन कोई दबाइये वोट BJP को जाता है। केरल में यह मामला सामने आया है। यही वजह है कि हम कहते हैं- राजा की आत्मा EVM में है। हमारी मांग रही है कि पहला, VVPAT की पर्चियां मतदाताओं को सौंपी जाएं * मतदाता उन VVPAT पर्चियों को एक अलग पेटी में डालें * फिर उन VVPAT पर्चियों की 100% गिनती की जाए इन मुद्दों को लेकर हमने चुनाव आयोग से कई बार मिलने का वक्त मांगा, लेकिन चुनाव आयोग इसपर बात करने को तैयार नहीं है.

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