21 साल पुराने चारा घोटाला मामले में लम्बी जिरह के बाद बड़ा फैसला आया है. झारखंड के पूर्व मुख्यसचिव सजल चक्रवर्ती को आदालत ने इस घोटाले का मुजरिम साबित कर दिया है. उनकी सजा का फैसला 21 नवम्बर को होगा.
तब सजल चक्रवर्ती चाइबासा के उपायुक्त थे. उस समय चाइबासा कोषागार से 37.70 करोड़ रुपये की गैरकानूनी निकासी हुई थी. इस मामले में चक्रवर्ती का हाथ था.
यह मामला  चारा घोटाला की कांड संख्या आरसी 20ए/96 में से जुड़ा है. . चारा घोटाला मामले में उन पर आरोप था कि उपायुक्त होते हुए भी उन्होंने कोषागार पर नियंत्रण नहीं रखा और उनकी लापरवाही के कारण इतनी भारी मात्रा में अवैध रूप से राशि की निकासी हुई.
 
गौरतलब है कि अविभाजित बिहार का चारा घोटाला बहुचर्चित और हाई प्रोफाइल घोटाला है. इसमें बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों- जगन्नाथ मिश्रा व लालू प्रसाद समेत अनेक मंत्री और अधिकारियों समेत 32 लोगों पर अलग अलग मामले चल रहे हैं.

By Editor