आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बिहार दौरे पर जहां नीतीश सरकार ने उन्हें हर सुविधायें मुहैया कराई वहीं खुद विधानसभा में जदयू  विधायक दल के उपनेता नेता उन पर करारारा हमला बोला है और कहा है कि उन्हें  दलितों के हुए शोषण के लिए प्रायश्चित करना चाहिए.

जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा कि दलितों और पिछड़ों को हजारों वर्षों तक शस्त्र व शास्त्र से दूर रखा गया। इसी वजह से भारत पर हमेशा विदेशी ताकतों ने राज किया। अगर दलितों को शस्त्र रखने का अधिकार और नेतृत्व दिया गया होता तो भारत की यह परिस्थिति नहीं रहती। दलित को शास्त्र-अध्यापन और शिक्षा से दूर रखे जाने के कारण दूसरे हमलावरों को भारत में प्रवेश करने का मौका मिल गया।

संघ प्रमुख ने बिहार यात्रा के दौरान कहा था कि आपसी फुट के कारण ही दूसरों ने हम पर राज किया। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रजक ने कहा कि भागवत को दलितों के साथ हज़ारों वर्ष तक हुए शोषण के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। यह तभी संभव है जब दलितों को उनका हक़ मिले, आरक्षण के माध्यम से उनके लंबित मामलों को पूरा किया जाए।

श्याम रजक ने मोहन भागवत को प्रायश्चित का रास्ता भी बताया और कहा कि    मंदिर से लेकर न्यायपालिका में दलितों को समान अधिकार दिए जाएं। आबादी के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की जाए। भागवत अपनी ताकत का इस्तेमाल करके केंद्र सरकार दबाव डालें। समतामूलक समाज के निर्माण के लिए विभिन्न वर्गों के बीच की खाई समाप्त होना जरूरी है.

 

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