जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुजफ्फरपुर बालिकागृह की लड़कियों के साथ हुए दुष्‍कर्म की घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. अपने पत्र में सांसद ने लिखा है कि प्रधानमंत्री जी स्‍वयं बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा देते हैं, जबकि बिहार सरकार में शामिल भाजपा के उपुमख्‍यमंत्री व मंत्री मुजफ्फरपुर की अमानवीय और शर्मसार करने वाली घटना को लेकर मौन हैं. यह आश्‍चर्यजनक है.

नौकरशाही डेस्‍क

सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल साईंस ने समाज कल्‍याण विभाग द्वारा संचालित संस्‍थाओं के सोशल ऑडिट के दौरान कई गड़बडि़यों को उजागर किया था. इसकी रिपोर्ट भी विभाग के निदेशक को सौंपी थी. इसी रिपोर्ट के आलोक में एक एजनीओ के खिलाफ मुजफ्फरपुर के महिला थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी और उक्‍त एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह की लड़कियों को पटना और मधुबनी स्‍थानां‍तरित कर दिया गया था.

सांसद ने अपने पत्र में कहा है कि इन लड़कियों की मेडिकल जांच के दौरान स्‍पष्‍ट हो गया है कि बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्‍कर्म और यौन शोषण हुआ था. इन लड़कियों को नशा खिलाकर नेता और अफसरों के पास भेजा जाता था. इस मामले की प्रमुख गवाह व पीडि़ता की हत्‍या कर दी गयी, जबकि एक संबंधित अधिकारी की भी हत्‍या कर दी गयी है.

सांसद ने कहा कि दोषियों की राजनीतिक और प्रशासनिक पहुंच के कारण राज्‍य सरकार की मशीनरी इसका सही तरीके से जांच नहीं कर सकती है. जांच को प्रभावित किया जा सकता है. इसलिए पीडि़तों को न्‍याय और दोषियों को सजा दिलाने के लिए मुजफ्फरपुर कांड की सीबीआई जांच जरूरी है.

 

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