नहीं रहे बेदी, कोटला में जेटली की प्रतिमा लगाने का किया था विरोध

नहीं रहे बेदी, कोटला में जेटली की प्रतिमा लगाने का किया था विरोध। महान स्पिनर 77 वर्षीय बिशन सिंह बेदी का निधन। भ्रष्टाचार, खेल में राजनीति के सख्त विरोधी।

कुमार अनिल

भले ही महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी आज नहीं रहे, लेकिन इतिहास में बेदी युग हमेशा रहेगा। 77 वर्ष की उम्र में सोमवार को उन्होंने आखिरी सांसें लीं। कभी एक साथ चार स्पिनर भारतीय टीम की रीढ़ थे। इन्हें भारतीय स्पिन चौकड़ी भी कहा जाता था। बेदी ने लंबे समय तक भारतीय टीम की कप्तानी भी की। वे न सिर्फ अच्छे क्रिकेटर थे, बल्कि साफ, ईमानदार इंसान भी थे। उन्होंने क्रिकेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। वे खेल में राजनीतिक हस्तक्षेप के भी विरोधी थे।

दिल्ली के क्रिकेट मैदान कोटला में जब भाजपा नेता और डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली की प्रतिमा लगाई गई, तो बिशन सिंह बेदी ने सार्वजनिक रूप से खुल कर विरोध किया था। यहां तक कह दिया था कि उनके अपने नाम से बने दर्ष दीर्घा से उनका नाम हटा लिया जाए।

बिशन सिंह बेदी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा साहित्य, पत्रकारिता, समाजसेवा हर क्षेत्र से जुड़े लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि दी है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि बेदी का जाना अत्ंयत चुखद है। पूर्व कप्तान बेदी को स्पिन का सरदार कहा जाता था। जब दुनिया में तेज गेंदबाजों का दबदबा था, तब उन्होंने लेफ्ट आर्म स्पिनर के बतौर अपना लोहा मनवाया। पद्मश्री से सम्मानित हुए। टेस्ट मैचों से रिटायर होने के बाद क्रिकेट के प्रबंधन से जुड़े रहे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा-भारतीय शैली की स्पिन गेंदबाजी के अनोखे कलाकार-कारीगर, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और बाद के दौर में अनुशासन के पक्के टीम मैनेजर सरदार बिशन सिंह बेदी के न रहने की ख़बर आ रही है। पिछली पीढ़ी के क्रिकेट-प्रेमियों ने उनके व्यक्तित्व और खेल में संघर्षरत राष्ट्रीय आत्मसम्मान और खेलभावना को माथा उठाकर चलते देख था। हमारे देश के क्रिकेट ने आज अपना एक चमकता सितारा खो दिया है।

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