बिहार NDA में भगदड़ शुरू हो गई है। Chirag Paswan की पार्टी रालोजपा (आर) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने जहानाबाद में ताल ठोक दिया है। उन्होंने कहा कि वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह जहानाबाद की जनता तय करेगी। लोकसभा चुनाव की शुरुआत में ही Chirag Paswan को बड़ा झटका लगा है।

चिराग पासवान अपने जीजा अरुण भारती के नामांकन में जमुई में हैं। वे 400 से अधिस सीट जीतने का दावा कर रहे थे, उसी समय उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया है। अब वे एक से दो दिनों के भीतर जहानाबाद से चुनाव लड़ने का एलान करने वाले हैं। उनके चुनाव लड़ने से जहानाबाद में NDA की हार की संभावना बढ़ जाएगी। जहानाबाद में जदयू के चंद्रेश्वर चंद्रवंशी पिछली बार भी हारते-हारते बड़ी मुश्किल से चुनाव जीते थे। चंद्रवंशी सिर्फ 1751 वोट से चुनाव जीते थे। इस बार उनकी स्थिति खराब हो सकती है।

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अरुण कुमार जहानाबाद से ही 2014 में सांसद चुने गए थे। वे पिछली बार भी यहां से चुनाव लड़ना चाहते थे, पर यह सीट लोजपा को नहीं मिली। इस बार भी यह सीट जदयू के खाते में चली गई। अब अरुण कुमार के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे के बाद अब नामांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही बिखराव शुरू हो गया है। जहानाबाद में अरुण कुमार ने चुनाव लड़ने का संकेत दे दिया है। नवादा में भी एनडीए में विद्रोह शुरू हो गया है। वहां बाहरी प्रत्याशी कह कर भाजपा समर्थक ही विरोध कर रहे हैं। मालूम हो कि भाजपा ने विवेक ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है। हाजीपुर से चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि नावादा में राजद के लिए भी परेशानी है। विनोद यादव ने गुरुवार को नामांकन किया है।

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