राजद्रोह पर बड़ा फैसला, उमर खालिद सहित सबको मिल सकती है बेल

SC का राजद्रोह कानून पर ऐतिहासिक फैसला। अब इसके तहत कोई FIR नहीं होगी। जो इस मामले में जेल में हैं, वे बेल के लिए मूव करें। लोकतंत्रपसंद लोगों में खुशी।

आज सर्वोच्च न्यायालय ने राजद्रोह कानून पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कहा, अब किसी पर राजद्रोह की धारा (आईपीसी की धारा 124A ) लगाते हुए नई एफआईआर नहीं होगी। जो लोग इस धारा के तहत आरोपित होने के बाद जेल में हैं, वे बेल के लिए कोर्ट में आवेदन करें। एक तीसरी बात सुप्रीम कोर्ट ने कही कि राजद्रोह के लंबित सभी मामलों में फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस तरह आज सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। इस आदेश के आने के बाद देशभर में लोकतंत्रपसंद लोगों और समूहों ने राहत की सांस ली है। अब जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद सहित उन सभी लोगों को जमानत मिलने की उम्मीद है, जिन पर यह धारा लगाई गई है और जिन्हें जेल में रखा गया है।

आईपीसी की धारा 124A को अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताते हुए इस कानून को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 10 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिका दाखिल करनेवालों के अनुसार देश में इस कानून का लगातार गलत इस्तेमाल हो रहा है। छोटे-छोटे मामलों में भी इस कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। उमर खालिद ने प्रधानमंत्री की आलोचना की, तो उन पर भी इस कानून के तहत मुकदमा दायर कर दिया गया। देश के कई पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक विरोधी आज भी जेल में बंद हैं। अब उन सभी लोगों को जमानत मिलने की उम्मीद है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा-सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं। सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं। सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है। डरो मत! कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत ने कहा-अंग्रेज़ों ने देशद्रोह क़ानून महात्मा गांधी और तिलक की आवाज़ को दबाने के लिए बनाया-मोदी सरकार, देशभक्त ही सरकार से सवाल पूछते हैं।

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