एनडीए में अजीब हाल है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने Upendra Kushwaha की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को तोड़ दिया। Kushwaha की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुशवाहा को तोड़ कर अपनी पार्टी जदयू में शामिल करा लिया। माना जा रहा है कि जदयू उन्हें या उनकी पत्नी को सीवान से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाएगा। इस घटना ने Upendra Kushwaha को सन्न कर दिया है। पहले तो भाजपा ने उन्हें सिर्फ एक सीट दी और अब उनके प्रदेश अध्यक्ष को ही तोड़ लिया। इधर राजद ने कहा कि चुनाव से पहले ही भाजपा के नेतृत्व वाले NDA में सिरफुटौव्वल शुरू हो गया है।

रमेश कुशवाहा के साथ उनकी पत्नी विजय लक्ष्मी ने भी शनिवार को जदयू की सदस्यता ले ली है। दोनों को जदयू सांसद संजय झा ने पार्टी में शामिल कराया।

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि NDA में सीट शेयरिंग की घोषणा के बावजूद घटक दलों के बीच जबरदस्त सिरफुटव्वल जारी है। यही वजह है कि सीट शेयरिंग के लिए दिल्ली में बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस को कई घटक दलों ने अघोषित रूप से बहिष्कार किया था। एक दल दूसरे के पैर खींचने में लगे हुए हैं। जदयू द्वारा आज Upendra Kushwaha की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुशवाहा को ही तोड़कर अपनी पार्टी में मिला लिया गया। NDA में अन्दर और बाहर जबरदस्त बेचैनी है। अनेक सीटों पर इन्हें उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। इसीलिए घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग की घोषणा कर देने के बाद भी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हो रही है।

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राजद प्रवक्ता ने कहा कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर घटक दलों के बीच काफी सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातें हो रही है जो अब अन्तिम दौर में है। अधिकांश सीटों पर सहमति बन गई है। कुछ बची हुई सीटें हैं जिनपर बहुत जल्द हीं सहमति बनने की स्थिति बन चुकी है। चुंकि गठबंधन में शामिल सभी दलों का लक्ष्य मात्र चुनाव लड़ना हीं नहीं है बल्कि हम सभी इस संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि बिहार के चालीस में चालीस सीटें इंडिया गठबंधन के झोली में आए और एनडीए को जीरो पर आउट करें। उम्मीदवार भले हीं अपने अपने दल के चुनाव चिन्ह पर नामांकन करेंगे पर चालीसों सीटों पर चुनाव महागठबंधन हीं लड़ेगी। इसलिए महागठबंधन के अन्दर सीट शेयरिंग कोई समस्या है हीं नहीं।

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