आउटसोर्सिंग में आरक्षण के बाद नीतीश कुमार अब निजी क्षेत्र में आरक्षण पर राष्ट्रीय बहस चाहते हैं. इस बहस में कूदते हुए संजय यादव, आरक्षण पर उनके स्टैंड को बिंदुवार कटघरे में खड़ा कर उनसे दस सवाल का जवाब मांग रहे हैं.

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को बिहार की जनता को भ्रम और झूठ की चक्की में पीसने की ग़ज़ब महारत हासिल है। एक क़ानून को अमलीजामा पहनाना तो दूर पूर्णरूप से उसकी नियमावाली भी नहीं बनती कि महोदय दूसरा क़ानून लेकर आ जाते है।

 

अब आरक्षण का ही देखिए। बतायें बिहार जैसे राज्य में आउट्सोर्सिंग में कुल कितनी नौकरियाँ है। फिर भी उसमें आरक्षण का ढिंढोरा पीटना आरक्षण पर अपनी नाकामयाबियों को छिपाने के सिवाय कुछ नहीं है। मेरे नीतीश जी से कुछ ज्वलंत सवाल है।

* बिहार में आपके विगत 12 साल के शासनकाल में अतिमहत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस और अभियांत्रिक सेवाओं सहित सभी महकमो में आरक्षित कोटे के सभी पदों की 90 फ़ीसदी रिक्तियाँ अभी तक क्यों है?

* क्यों नहीं नीतीश जी ने उन लाखों-लाख रिक्तियों को भरने का प्रयास किया?

* बिहार में आउट्सॉर्सिंग से ज़्यादा नौकरियाँ उन ग़ैर सरकारी संगठनो में है जिनके कार्यक्रमों की फ़ंडिंग राज्य सरकार करती है। सरकारी ख़ज़ाने से प्रायोजित इन NGOs को क्यों नए आरक्षण क़ानून के दायरे में नहीं लाया गया?

* नीतीश जी का जीविका कार्यक्रम एक तरह से जदयू का महिला विंग है और इसे किन वर्गों द्वारा संचालित किया जा रहा है यह CM साहब भलीभाँति जानते है।

* आपने तेजस्वी यादव द्वारा वंचित वर्गों के छात्रों की स्कॉलर्शिप बंद नहीं करने के अनेकों बार किए गए विनम्र निवेदन को अहंकारवश क्यों ठुकराया? आप सालों-साल से संचालित दलित/पिछड़े वर्गों के छात्रों की छात्रवृति बंद कर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लाने पर क्यों अडिग थे? सनद रहे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में छात्र को शिक्षा ऋण बैंक को हर हाल में लौटना होगा। आपकी यह यह यूनिवर्सल स्कीम थी यानि इसमें reservation का कोई प्रावधान नहीं है? ज्ञात रहे छात्रवृत्ति योजना में वंचित वर्गों के ग़रीब छात्रों को छात्रवृति का पैसा भी नहीं लौटना पड़ता था।

* आपने आरक्षित वर्गों के छात्रों की छात्रवृति बंद कर लोन देना शुरू कर दिया। क्यों? आपकी यह योजना भी विफल हो चुकी है।

* आपने तेजस्वी यादव की सरकारी ठेकों में आरक्षण सीमा 60 फ़ीसदी करने के साथ-साथ निविदा राशि 15 लाख से बढ़ाकर 10 करोड़ करने के सुझावों व प्रार्थनाओ को बार-बार अनसुना क्यों किया?

* तेजस्वी यादव ने आपसे आरक्षण के मसलों पर जितनी बार भी बात की आपने टाल-मटोल रवैया क्यों अपनाया?

* तेजस्वी यादव द्वारा आरक्षण पर दिए गए तर्कों और सुझावों का मैं अक्षरश: गवाह हूँ। तेजस्वी यादव सबसे बड़ी पार्टी के नेता और डिप्टी सी॰एम॰ होने के बावजूद वंचित वर्गों की बराबरी के मसलों पर आपसे  निवेदन करते थे आप सुनकर चुपचाप रह जाते शायद संघी संस्कार आपको अमल करने से रोक लेते थे।

शायद ऐसे अनेकों कारण थे जिससे आप तेजस्वी यादव को संभावित प्रतिद्वंद्वी समझ ईर्ष्या पालने लग गए थे।लिहाजा महागठबंधन में आपका दम घुटना शुरू हो गया था।

[author image=”https://naukarshahi.com/wp-content/uploads/2017/11/sanjay.yadav_.jpg” ]लेखक बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार हैं[/author]

By Editor