RJD नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री Sharad Yadav की तबीयत पिछले कई दिनों से बिगड़ गयी है. उन्हें दिल्ली के Medanta Hospital में एडमिट कराया गया है. उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. डॉक्टर पल पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. हालांकि यह सुखद है कि उन्हें कोरोना संक्रमण नहीं है. मंगलवार को जांच की गई तो वे कोरोना निगेटिव निकले.

बताया जाता है कि मंगलवार को उनकी स्थिति ठीक थी और बुधवार को उन्हें कमरे में शिफ्ट किया जाना था. इसी बीच डॉक्टरों ने जब आज जांच की तो उनकी स्थिति फिर से बिगड़ गयी. ऐसे में आइसीयू में ही उन्हें रखा गया है. बता दें कि शरद यादव की उम्र काफी हो गयी है. उनकी उम्र 75 वर्ष है। इतना ही नहीं, वे बिहार की राजीनीति के धुरी रहे हैं.

इतना ही नहीं, कभी मुख्यमंत्री नीतीश के भी नजदीकी रहे थे. जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. वैचारिक मतभेद के बाद वे नीतीश कुमार से अलग हो गए. स्थिति चिंताजनक होने से उनके समर्थकों में मायूसी है और वे ईश्वर से स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं.

शरद यादव मध्यप्रदेश राज्य से हैं मगर उनकी राजनीति बिहार में परवान चढ़ी। जेपी आंदोलन से अपनी पहचान बनाने वाले नेताओं में से एक हैं शरद यादव। शरद यादव, लालू यादव, रामबिलास पासवान और नीतीश कुमार ये सब उसी आंदोलन के बाद से बिहार की राजनीति के चर्चित चेहरे हैं।

ये सारे नेता कभी जनता दल में एक साथ हुआ करते थे मगर वक्त और हालात ने इन सबको एक दूसरे से अलग कर दिया। कभी ये फिर साथ होते हैं तो कभी एक दूसरे की मुख़ालफ़त करते नज़र आते हैं। कभी मधेपुरा से लालू प्रसाद को हराने वाले शरद यादव आज फिर लालू प्रसाद के साथ खड़े हैं। फिलहाल उनके चाहने वाले उनके स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं।

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