सिकुड़ता लोकतंत्र : संसद में रोक के खिलाफ पत्रकारों का प्रदर्शन

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की संसद में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक है। पत्रकार गैलरी में नहीं बैठ सकते। दिल्ली में सैकड़ों पत्रकारों ने किया प्रदर्शन।

हम भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र कहते नहीं थकते। सिर्फ ढाई महीना पहले सितंबर में संयुुक्त राष्ट्र संघ को संबेधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे उस देश से आते हैं, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी है। आज उसी देश में पत्रकारों ने दिल्ली में इस बात के लिए प्रदर्शन किया कि संसद के भीतर बनी पत्रकार गैलरी में बैठने पर रोक समाप्त की जाए। पत्रकार चाहते हैं कि उन्हें संसद की कार्रवाई कवर करने से रोक हटाई जाए, ताकि वे भारत माता को बता सकें कि संसद में क्या हो रहा है, कैसे हो रहा है।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) के नेतृत्व में आज सैकड़ों पत्रकारों ने दिल्ली की सड़कों पर मार्च निकाल कर मीडिया की आजादी के लिए नारे लगाए। दो दिन पहले पीसीआई ने ट्वीट करके कहा था कि सरकार चाहती है कि संसद में प्रवेश के लिए पत्रकारों की लॉटरी निकाली जाए और जिसके नाम लॉटरी निकलेगी, सिर्फ वही भीतर जा सकेगा। पीसीआई ने कहा-दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में संसद में पत्रकारों के प्रवेश को “लॉटरी सिस्टम” से नियंत्रित कर संसदीय समाचारों व सूचनाओं को देश की आम जनता तक पहुँचने से रोका जा रहा है। संसदीय लोकतंत्र में ऐसी परंपरा शुरू करना एक खतरनाक प्रवृत्ति की नींव डालना है।

पीसीआई ने कहा कि संसद सत्र के दौरान संसद से हजारों तरह की सूचना, जानकारी मिलती है, इसे जनता तक पहुंचाने से रोकना लोकतंत्र पर हमला है। देशभर से पत्रकार दिल्ली में हुए प्रदर्शन के प्रति अपना समर्थन जता रहे हैं। कई राजनीतिक दलों ने भी पत्रकारों की मांगों का समर्थन किया है।

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By Editor