SP ने शराबबंदी लागू करनी चाही, हुआ तबादला, भड़के तेजस्वी

तेजस्वी ने बड़ा सवाल उठाया है। जिस एसपी ने शराब के धंधे में लिप्त पुलिसकर्मियों की संपत्ति की जांच की सिफारिश की, एक हफ्ते में ही उसका तबादला हो गया।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज दो सरकारी पत्र जारी करके सरकार के शराबबंदी अभियान पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। पटना के एसपी (मद्यनिषेध) ने सभी एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब की बिक्री करवा रहे हैं। उनकी संपत्ति की जांच की जाए, तो तहलका मच जाएगा। पत्र में एसपी ने सभी पुलिसकर्मियों की संपत्ति की जांच की सिफारिश की। पुलिसकर्मियों की संपत्ति की जांच के बदले न सिर्फ उस एसपी का ही तबादला कर दिया गया, बल्कि जांच की सिफारिशवाले पत्र को भी रद्द कर दिया गया।

तेजस्वी ने दो पत्र सार्वजनिक किए हैं। पहले पत्र में एसपी(मद्यनिषेध) ने कहा है कि विगत वर्षों से उत्पाद विभाग में कार्यरत निरीक्षक, अवर निरीक्षक और उनके रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्ति की जांच की जाए, तो इन लोगों द्वारा गुमनाम कितनी संपत्ति अर्जित की गई, वह जानकर सरकारी महकमे में हलचल मच जाएगा। इसीलिए शराब की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के लिए इन अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराई जाए। यह पत्र 6 जनवरी को भेजा गया है।

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तेजस्वी ने जो दूसरा पत्र जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 6 जनवरी को जारी पत्र को निरस्त किया जाता है। यह दूसरा पत्र 15 जनवरी को जारी हुआ है। तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सीएम आवास में पहुंच रखनेवाले शराब माफिया ने उस एसपी का तबादला करवा दिया। यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा।

मालूम हो कि राज्य में लगातार अवैध शराब बिकने की शिकायतें आती रहती हैं। शराबबंदी कानून को जिस तरह राज्य में लागू किया गया है, उस पर कई नेता, खासकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भिन्न राय रखते हैं। वे इस कानून की समीक्षा करने की मांग भी कर चुके हैं। पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठते रहे हैं। हाल में 8 जनवरी को एक पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया गया, क्योंकि उसने एक स्कूटी सवार युवक को धमकी दी थी कि रिश्वत नहीं देने पर वह शराब के केस में जेल भेज देगा।  

By Editor