आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य राकेश सिन्हा को गुरुवार को पार्टी से निलंबित कर दिया गया। सिन्हा ने आंतरिक लोकपाल ऐडमिरल रामदास को बर्खास्त किये जाने और अनुशासन समिति के प्रमुख पद से प्रशांत भूषण को हटाये जाने के तरीके पर सवाल उठाया था।

 

 

यूपी से पार्टी के नेता राकेश सिन्हा ने आप नेतृत्व पर रामदास और भूषण को दो महत्वपूर्ण पदों से हटाने का निर्णय जल्दबाजी में करने और इस बारे में राष्ट्रीय कार्यकारणी के सभी सदस्यों से विचार विमर्श नहीं करने का आरोप लगाया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सिन्हा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश से एक अन्य सदस्य विशाल लाठे को भी पार्टी से निलंबित किया गया है। आप के एक प्रवक्ता ने कहा कि  ये दोनों 28 मार्च को योगेंद्र और भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारणी से हटाए जाने के बाद उनकी ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन का हिस्सा थे। आप सचिव पंकज गुप्ता को 30 मार्च को लिखे पत्र में राकेश सिन्हा ने योगेंद्र और भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारणी से बर्खास्त किये जाने पर सवाल उठाया था।

 

 

सिन्हा ने अपने पत्र में लिखा था कि मैं आपके संज्ञान में यह बात लाना चाहता हूं कि मुझे इस बैठक के बारे में कुछ पत्रकारों से जानकारी मिली जिन्होंने मुझसे जानना चाहा कि क्या मैं राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में हिस्सा ले रहा हूं।  उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य हुआ और मैंने सोचा कि यह जरुर पीएसी की बैठक होगी, इसलिए मुझे कोई सूचना नहीं मिली। सूत्रों का कहना है कि राकेश सिन्हा को राष्ट्रीय कार्यकारणी से निलंबित करने का निर्णय रविवार को लिया गया। दिलचस्प बात यह है कि सिन्हा राष्ट्रीय कार्यकारणी के उन सदस्यों में शामिल हैं, जिन्होंने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की पीएसी से हटाने का विरोध किया था।

By Editor

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