बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है।  श्री यादव जनादेश अपमान यात्रा के दौरान शिवहर के गांधी नगर भवन में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह किसी को पता नहीं था कि राष्ट्रपिता के हत्यारों से मुख्यमंत्री श्री कुमार हाथ मिला लेंगे और भारतीय जनता पार्टी  तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सामने घुटने टेक देंगे। उन्होंने कहा कि कहा कि उनकी पार्टी की श्री कुमार के साथ गठबंधन करना भूल थी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसी भूल को सुधारने के हम बापू की कर्मभूमि मोतिहारी गये और उनकी प्रतिमा के समक्ष क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि नौ अगस्त 1942 को अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुयी थी और मैंने भी अपना अभियान इसी दिन शुरू किया है।

 

श्री यादव ने कहा कि महागठबंधन टूटने के बाद सदन में मुख्यमंत्री ने मेरे द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब नहीं दिया । उन्होंने कहा कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री कुमार के डीएनए के संबंध में कहा था, जिसे लेकर राज्य में आंदोलन चलाया गया और बोरे में भर-भर कर बालों और नाखूनों का नमूना दिल्ली भेजा गया था, उसका क्या हुआ। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि श्री कुमार उन नमूनों को पटना मंगवा कर संग्रहालय में रखे, जिसे आज का युवा पीढ़ी देख सके । उन्होंने कहा कि उनके ऊपर आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा। श्री कुमार की पूर्व से ही योजना थी कि वह भाजपा और आरएसएस के साथ हाथ मिलायेंगे।
श्री यादव ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में किसी भी हाल में भाजपा और आरएसएस के मंसूबो पूरा होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि राजद की पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित 27 अगस्त की रैली के बाद इस सरकार का जाना तय है। इस मौके पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री रधुनाथ झा समेत बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे।

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