Talaq Bill पर भाजपा को करारा आघात लगा है. विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच अब खुद भाजपा के सहयोगी ने Talaq Bill के खिलाफ वोट करने का ऐलान कर दिया है.

ऐसे में भाजपा सरकार की रही सही संभावना भी खत्म हो गयी है. क्योंकि पहले से ही भाजपा को राज्यसभा में बहुमत नहीं है. ऐसे में उसके सहयोगी के इस ऐलान से Talaq Bill के गिर जाने का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है.
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पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने NDTV से  कहा कि ट्रिपल तलाक के पक्ष में हम लोग अभी नहीं हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि एक बड़े समुदाय की परम्परा में कुछ तौर तरीक़े बने हुए हैं. इसट्रिपल तलाक से लाखों महिलाएं प्रभावित होंगी. इस पर उस समुदाय के लोगों से उनकी भावनाओं के साथ बातचीत करके एक समाधान निकालना चाहिए.
 वशिष्ठ नारायण ने कहा  मैं इसलिए मानता हूं कि वर्तमान स्वरूप में ट्रिपल तलाक के हम लोग पक्षधर नहीं हैं. उनकी पार्टी वोटिंग के समय क्या करेगी? इस सवाल पर सिंह ने कहा कि हम समर्थन में वोट नहीं करेंगे.
 
आपको याद दिला दें कि इससे पहले भी तलाक बिल लोक सभा और राज्य सभा में पेश किया जा चुका है. लोकसभा से पास होने के बाद Talaq BIll राज्यसभा में बहुमत ना होने के कारण भाजपा इसे पास नहीं करा सकी थी.
इसके बाद सरकार ने इस बिल को लागू करने के लिए अध्यादेश का रास्ता चुना लेकिन अध्यादेश की मंजूरी छह महीने के भीतर संसद से मिलनी जरूरी है. लिहाजा लोक सभा में फिर इस बिल का लाया गया. वहां यह बिल पास हो गया. अभी इसे राज्यसभा से पास करवाना बाकी है.
जदयू के मुस्लिम लीडरों का दबाव
 
गौरतलब है कि राजद से अलग हो जाने के बाद जदयू से पहले ही मुस्लिम मतदाता नाराज हैं. ऐसे में जदयू के मुस्लिम नेताओॆं ने भी पार्टी आला कमान पर यह दबाव बनाया हुआ था कि इस बिल पर पार्टी को ठोस निर्णय लेना होगा. समझा जाता है कि जदयू ने इसी बात के मद्देनजर अपने स्टैंड को क्लियर किया है. क्योंकि इससे पहले जदयू ने इस मामले में विरोध का रास्ता अपनाने के बजाये सदन से अनुपस्थित रहने का विकल्प चुना था.

By Editor