Upendra Kushwaha के बारे में BJP में क्या है चर्चा

भाजपा के नेता Upendra Kushwaha पर ऑन रिकॉर्ड नहीं बोलते, लेकिन खुल कर अपनी राय रख रहे हैं। नौकरशाही डॉट कॉम ने कई प्रदेश नेताओं से की बात।

कुमार अनिल

भाजपा के किसी भी प्रदेश नेता से बात करिए, वे जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के बारे में खुल कर और विस्तार से बात करते हैं। हालांकि वे अपना नाम प्रकाशित करने से परहेज कर रहे हैं। नौकरशाही डॉट कॉम ने पिछले 24 घंटे में भाजपा के कई प्रदेश नेताओं से उपेंद्र कुशवाहा के बारे में राय जानी। यह संयोग है या भाजपा की भीतर की सहमति कह नहीं, पर सबने एक ही जवाब दिया।

नौकरशाही डॉट कॉम ने भाजपा नेताओं से एक ही सवाल किया कि क्या उपेंद्र कुशवाहा भाजपा में शामिल हो रहे हैं या फिर से रालोसपा को जिंदा करके भाजपा के साथ गठबंधन बनाएंगे। भाजपा नेताओं से बातचीत अलग-अलग हुई, पर जवाब में सबने एक ही बात कही कि अलग पार्टी बनाने का कोई मतलब नहीं है, आना है तो सीधे भाजपा में शामिल हों।

पेंच यहीं फंसा है। अगर कुशवाहा भाजपा में शामिल होंगे, तो उनके खो जाने का डर है। पहले से सम्राट चौधरी वहां कुशवाहा बिरादरी के जमे-जमाए नेता हैं। भाजपा के कई प्रदेश नेता और केंद्रीय मंत्रियों के बीच उनकी जगह संदिग्ध होगी। आरसीपी सिंह का उदाहरण भी सामने है।

यह भी गौर करने वाली बात है कि उपेंद्र कुशवाहा सिर्फ सांसद या विधायक बनने के लिए नहीं जा रहे, बल्कि उनकी नजर बिहार के मुख्यमंत्री पद पर है। इसके लिए जरूरी है कि आरसीपी सिंह से अलग अपने पैर पर खड़े होकर भाजपा से मोल-तोल करें और भविष्य में अपनी दावेदारी पेश करें। भाजपा में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी उन्हें छोड़नी पड़ेगी। अलग पार्टी बना कर भी कुशवाहा देख चुके हैं। एक भी सीट 2020 में नहीं जात पाए।

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी और पार्टी छोड़ने की खबरों को महत्व देने से इनकार कर दिया। कहा कि वे तो पहले भी कई बार आ-जा चुके हैं। जदयू नेता इस तरह कह रहे हैं जैसे कुशवाहा के छोड़ने का कोई असर उन पर नहीं है।

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