अब वो दिन दूर नहीं जब आप किसी नौकरशाह के चैम्बर में जायें तो वह ब्रांडेड सूट की जगह खादी की कमीज और पतलून में नजर आ जाये.
बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने सभी विभागों को पत्र लिखकर हफ्ते में कम से कम दो दिन खादी के इस्तेमाल का निर्देश दिया है. कालेज और स्कूलों के शिक्षकों से भी ऐसा करने की सलाह दी गई है।
ऐसा नहीं है कि खादी वस्त्रों के चलन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्तर पर यह पहला प्रयास किया गया हो. सरकार की तरफ से ऐसे कई प्रयास समय समय पर किये जाते रहे हैं.
इस बीच वरिष्ठ आईएएस अफसर विजय प्रकाश ने सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि खादी के वस्त्रों को चलन बढ़ाने से वस्त्र उत्पादन में लगे लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि खादी एक आरामदायक वस्त्र है जो हर मौसम के लिए फिट है इसलिए इसके चलन को प्रमोट किया जाना चाहिए.
खादी के वस्त्रों पर हर साल गांधी जयंती के अवसर पर छूट दी जाती है ताकि खादी को प्रोमोट किया जा सके.