मनमोहन सिंह के खिलाफ पुस्तकों के खुलासे के द्वारा आक्रमण जारी है अब एक नई पुस्तक में पूर्व कोयला सचिव ने लिखा है कि प्रधानमंत्री का अधिकार सीमित है.
इससे पहले प्रधाननमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की पुस्तक से राजनीतिक भूचाल पैदा हो गया था लेकिन अब पूर्व कोयला सचिव पीसी पारख ने यह कह कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए शर्मिंदगी की स्थिति उतपन्न कर दी है. उन्होंने लिखा है कि मनमोहन सिंह ऐसी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें उनका राजनीतिक प्राधिकार ‘कम’ है।
सोमवार को जारी होने वाली पुस्तक ‘क्रूसेडर ऑर कांस्पिरेटर? कोलगेट एंड अदर ट्रूथ’ में परख ने उस दिन की घटना को याद किया जब वह अपना इस्तीफा तत्कालीन कैबिनेट सचिव बीके चतुर्वेदी को सौंपने के बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात करने गए थे. परख कोयला सचिव के पद से दिसंबर 2005 में सेवानिवृत हुए थे.
68 वर्षीय पारेख ने अपनी पुस्तक में कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा तब दिया था जब एक बैठक के दौरान भाजपा सांसद धर्मेन्द्र प्रधान ने उनका अपमान किया था और सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई थी.
पीसी पारख की पुस्तक मानस पब्लिकेशन ने प्रकाशित की है.
पारेख के खिलाफ सीबीआई ने कोयला ब्लाक आवंटन मामले में मामला दर्ज किया है. पारेख ने अपनी किताब में कहा कि प्रधानमंत्री ने गहरा क्षोभ व्यक्त किया और कहा कि उन्हें भी प्रतिदिन ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन यह देशहित में नहीं होगा कि वह हर ऐसे विषय पर इस्तीफे की पेशकश करें.