सॉफ्टवेयर क्षेत्र की कम्पनी आईगेट कार्पोरेशन ने अशोक वेमुरी को अपना नया अध्यक्ष व मुख्य कार्याकारी अधिकारी बनाया है वहीं इंफोसिस जैसी दिग्गज कम्पनी से उनके इस्तीफे पर अब भी चर्चा जारी है.
अशोक वेमुरी ने हाल ही में भारतीय कम्पनी इंफोसिस के अमेरिकन बिजनस हेड के पद से इस्तीफा दिया था. वेमुरी को इंफोसिस की एक अन्य कम्पनी इंफोसिस फाइननसियल सर्विसेज और इंस्युरेंस की स्थापना और उसे लगभग एक दशक तक चलाने का श्रय दिया जाता है. वेमुरी ने इंफोसिस के चाइना हेड के बतौर भी काम किया है.
इंफोसिस का सीईओ बनने की उनके लिए महज 33 प्रतिशत संभावना है और वह भी 18-20 महीने इंतजार के बाद. इसलिए उन्होंने किसी संभावना के लिए प्रतीक्षा करने के बजाये निश्चितता की तरफ बढ़ने का फैसला लिया
अशोक वेमुरी इंफोसिस से इस्तीफा देने से पहले इसके सीईओ के प्रमुख दावेदारों में से थे. लेकिन कुच लोगों को हैरत है कि उन्होंने इंफोसिस छोड़ कर आइगेट का नेतृत्व करना क्यों स्वीकार किया.
कुछ लोगों का कहना है कि इंफोसिस में उन्हें सीईओ बनने के लिए अभी दो सालों का इंतजार करना पड़ता जो वह नहीं चाहते थे और उन्होंने आईगेट ज्वाइन करना मुनासिब समझा.
इस बीच इंफोसिस के फाउंडर चेयरमैन एन.आर नारायण मूर्ति ने मिंट अखबार को ईमेल के जरिये बताया है कि “अशोक का कहना है कि इंफोसिस का सीईओ बनने की उनके लिए महज 33 प्रतिशत संभावना है और वह भी 18-20 महीने इंतजार के बाद. इसलिए उन्होंने किसी संभावना के लिए प्रतीक्षा करने के बजाये निश्चितता की तरफ बढ़ने का फैसला लिया”.
नारायण मूर्ति से नाराजगी
हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि अशोक वेमुरी नारायण मूर्ति पर केंद्रित नेतृत्व और कार्यशैली से नाराज थे इसलिए उन्होंने दूसरी राह अपनाना ज्यादा उचित समझा.
कोई पंद्रह साल पहले इंफोसिस ज्वाइन करने से पहले भी वेमुरी का करियर काफी शानदार रहा है. वह बैंक ऑफ अमेरिका और डच बैंक के लिए काम कर चुके हैं. संत स्टिफेंस कालेज दिल्ली से फिजिक्स में एमए करने के बाद अशोक ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से मैनेजमेंट की डिग्री ली है.