आईजीआईएमएस की तस्वीर अजीब है. यहां हेल्थ मिनिस्टर के लिए चेयरमेन लिखा बोर्ड लगा है. अलग से उनके लिए डायरेक्टर कमरा के सामने कमरा है. दूसरी तरफ उनकी बेटी नर्सिंग कॉलेज में असिस्टेंट लाइबे्ररियन के पोस्ट पर काम कर रही है और तीसरी तरफ छह सफाईकर्मी ये सोचने में लगे हैं अब कहां जाएं?
प्रणय प्रियंबद
किससे फरियाद करें? उनके बच्चों का क्या होगा? कोर्ट खुलने का इंतजार कर रहे हैं? न्याय पाना कितना सस्ता है ये किसी से छिपा नहीं है. हेल्थ मिनिस्टर की बेटी की बहाली मामले में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया आईजीआईएमएस. अब भी कई सवाल ऐसे हैं जिसके जवाब बड़ी जांच की मांग करते हैं. डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास से मंगलवार की दोपहर उनके चैम्बर में आई नेक्स्ट ने बात की. जो बात हुई उसमें साफ झलका उन्होंने किसी दबाव में बहाल करने का फैसला लिया है. हालांकि उन्होंने अपनी ओर से तर्क दिया कि बहाली प्रक्रिया के तहत हुई है.
ये तथ्य बड़े सवाल उठाते हैं
एक– इंप्लायमेंट नोटिस नंबर-16 /आईजीआईएमएस / इस्टैबलिशमेंट /2011 के तहत जो वेकेन्सी निकली थी उसमें लाइब्रेरियन ग्रेड थ्री के लिए जो वेकेन्सी अन्य वेकेन्सियों के साथ निकली थी उसमें साइंस ग्रेजुएट या इसके समकक्ष (रिकॉगनाइज यूनिवर्सिटी से) व लाइब्रेरी साइंस फ्रॉम रिकोगनाइज यूनिवर्सिटी की मांग की गई थी. साइंस ग्रेजुएट के समकक्ष बैचलर इन कंप्यूटर या बैचलर इन इंजीनियरिंग भले हो सकता है. बीए कैसे हो सकता है. 2011 के विज्ञापन में ये भी कहा गया था कि दो साल का ख्याति प्राप्त लाइब्रेरी में डोक्यूमेंटेशन का का कार्य अनुभव हो. टाइपिंग 30 वर्ड प्रति मिनट हिन्दी और 25 वर्ड प्रति मिनट इंग्लिश करने आती हो.
दो- ऊपर का जो विज्ञापन आया उसमें अन्य कई पदों पर भी बहाली निकली थी. लेकिन इस विज्ञापन में से सिर्फ लैब टेक्नीशियन और लोयर डिविजन कलर्क के चयन की प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति की गई. दिलचस्प ये कि असिस्टेंट ग्रेड थ्री के लिए फिर से विज्ञापन निकाला आईजीआईएमएस ने.
तीन- इंप्लाइमेंट नोटिस नंबर 11/ आईजीआईएमएस / 2014 के तहत अकेले लाइब्रेरियन ग्रेड थ्री के लिए इकलौता विज्ञापन निकाला गया.
-गजब कि बात ये कि दो पदों पर पूर्व के यानी 2011 के विज्ञापन के आधार पर लैब टेक्नीशियन और लोअर डिवीजनल कलर्क की नियुक्ति की गई और लाइब्रेरियन ग्रेड थ्री की नियुक्ति नए विज्ञापन से की गई. पुराने यानी 2011 के विज्ञापन से ही लाइब्रेरियन ग्रेड थ्री की भी नियुक्ति कर सकते थे, लेकिन यहां तो हेल्थ मिनिस्टर की बेटी को बहाल करना था. जो सिम्पल ग्रेजुएशन है.
चार- दो परिवर्तन दिखते हैं दोनों विज्ञापनों के बीच- क्वालिफिकेशन बीएससी की जगह ग्रेजुएट कर दिया गया और कंप्यूटर (एम एस ऑफिस) व टाइपिंग के ज्ञान को असेंसियल में रखा गया.
पांच- सवाल ये भी है कि कंप्यूटर ज्ञान व टाइपिंग टेस्ट हुआ अनिता कुमारी का? क्या मंत्री जी की बेटी आज के डेट में इंग्लिश टाइपिंग 330 वर्ड प्रति मिनट व हिन्दी टाइपिंगं 25 वर्ड प्रति मिनट कर सकती हैं?
छह- सवाल ये भी कि बाहर से लाइब्रेरी साइंस के एक्सपर्ट को बुलाया गया या आईजीआईएमएस के ही चीफ लाइब्रेरियन से काम चला लिया गया?
क्या कहते हैं डायरेक्टर, आईजीआईएमएसअसिस्टेंट लाइब्रेरियन किसी भी ब्रांच से ग्रेजुएट हो सकती है. इसमें प्रक्रिया का पालन किया गया है. कांट्रैक्चुअल सफाईकर्मियों को हटाने की जो बात आप पूछ रहे हैं उस मामले में क्या कहें उसमें तो कभी भी उन्हें हटाया जा सकता है क्योंकि वे कांट्रैक्ट पर थे. मामले में कोर्ट का आदेश आएगा तो रख लेंगे.
ये वे सफाईकर्मी हैं जिन्होंने आईजीआईएमएस में चार वर्षोें तक सफाई की. गंदगी उठाया. चमकाया. लेकिन अब उनकी ही जिंदगी के चमक छीन चुका है आईजीआईएमएस. इन्हें ये बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. ऐसा नहीं है कि अब आईजीआईएमएस को सफाईकर्मियों की दरकार नहीं. कांट्रैक्चुअल कहकर बाहर कर दिए गए छह कर्मियों में से एक भरत कुमार ने तो डायरेक्टर विश्वास के आवास पर भी सफाई कार्य किया है. लेकिन ये भी निराश है. हताश है. हटाए गए सफाईकर्मियों को मालूम है कि कैसे मंत्री जी की बेटी की बहाली हुई है आईजीआईएमएस में. लेकिन ये इसकी चर्चा नहीं करते. ये जानते हैं कि वे ताकतवर हैं और हम कमजोर हैं. उन्हें इससे कोई लेना-देना भी नहीं कि मंत्री जी की बेटी की बहाली कैसे हुई. हां मामला कोर्ट जाएगा तो सब बात सामने आएगी जरूर.
भरत कुमार, सफाईकर्मी
मैं डायरेक्टर साहब के घर पर भी साफ-सफाई का काम करता था. लेकिन अब तो डायरेक्टर साहब से भी हमें मिलने नहीं दिया जा रहा. किसके पास जाएं? किससे फरियाद करें?
बबलू राम, सफाईकर्मी
फिजियोलॉजी में काम करते थे. 15 मई से हटा दिया गया है. क्या करें? मंत्री जी को लिख कर दिया. डायरेक्टर साहब को भी लिख कर दिया. दो बेटी और एक बेटा है. कैसे पढ़ेगा सब?
आईनेक्स्ट पटना से साभार