सीबीआई ने अहमदाबाद की अदालत में चार्जशिट दायर कर कहा है कि इशरत जहां को पुलिस ने इसलिए हत्या कर दी कि उसने आईबी अधिकारियों को अमजद का अपहरण करते देख लिया था.
अमजद अली राणा कश्मीर का आतंकवादी था.
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने दावा किया है कि एनकाउंटर में मारे गए तीन लोग आतंकवादी थे. इनके नाम जावेद, अमजद अली राणा और जीशान हैदर थे. ये तीनों अहमदाबाद में आतंकवादी हमले करने की कोशिश में थे. लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इनके निशाने पर नहीं थे.
एनकाउंटर में मारी गई इशरत को भी गुजरात का क्राइम ब्रांच आतंकवादी बता रहा था, जबकि सीबीआई के मुताबिक उसके आतंकवादी होने का कोई भी सबूत नहीं मिला है. इस मामले में सीबीआई ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर भी फिलहाल उंगली नहीं उठाई है. सीबीआई ने दावा किया है कि इशरत को सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि उसने इंटेलिजेंस ब्यूरो के लोगों को कश्मीरी आतंकवादी अमजद अली राणा का अपहरण करते देख लिया था.
सीबीआई ने फर्जी एनकाउंटर के पहले हुई घटनाओं का ब्यौरा दिया है. ब्यौरे के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो ने इशरत को पहले गिरफ्तार करके छोड़ दिया था लेकिन जब उसे यह पता चल गया कि इशरत ने अमजद को पुलिस के लोगों द्वारा उठा कर ले जाते देख लिया है तो इस कारण उसकी भी उनलोगों के साथ हत्या कर दी गयी.
इन चारों को आईबी ने दो तीन सप्ताह तक हिरासत में रखा. इस मामले का नेतृत्व राजेंद्र कुमार कर रहे थे जो क्राइम ब्रांच के विशेष निदेशक हैं.
इस चार्जशिट में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह का नाम पहली चार्जशिट में नहीं है.