देश के दो मंझे नेता नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार वर्षों बाद जब पटना में एक मंच पर बैठे तो ऐसा नहीं लगा कि इनके बीच कभी राजनीतिक अदावत कभी रही होगी.
एक दूसरे का सार्वजनिक मंचों पर नाम तक ने लेने वाले मोदी और नीतीश न सिर्फ एक दूसरे से आत्मीयता से मिले ब्लकि इनके आपसी व्यवहार ऐसे थे कि यह समझना मुश्किल था कि ये दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं.
मोदी ने अपने भाषण में अनेक बार नीतीश कुमार का सम्मान के साथ नाम लिया और बिहार की चिंता को देश की चिंता बताया. वहीं नीतीश ने बार बार मोदी को मुखातिब करके अपनी बात उनसे कहते रहे.
एक मंच पर दोनों नेता जब हाजिर हुए तो ऐसा लग रहा था जैसे दोनों ने यह तय कर लिया था कि किसी तरह की कोई विरोधाभासी बातें नहीं करेंगे. और हुआ भी यही. दोनों नेताओं की परिपक्वता को देश ने बखूबी देखा.
उचित समय पर करूंगा घोषणा
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया कि राज्य को 50,000 करोड़ के पैकेज से कहीं ज्यादा बड़ी रकम दी जाएगी, लेकिन इसकी घोषणा सही समय पर की जाएगी। पटना में आयोजित कार्यक्रम में भाषण देते हुए पीएम मोदी ने कहा, बिहार को 50,000 करोड़ के पैकेज देने का वादा किया था, मामला उससे कहीं ज्यादा आगे ले जाऊंगा, घोषणा सही समय पर करूंगा।
इस मौके पर अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि विकास सभी दुखों की एक दवाई है, विकास का कोई पर्याय नहीं है। ये अच्छी बात है कि इन दिनों राज्यों के बीच भी प्रतिस्पर्धा का मौहाल बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ाना है तो राज्यों का विकास जरूरी है, इस मूल मंत्र को लेकर केंद्र और राज्य सबको मिलकर काम करना होगा।
पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव और यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, बिहार में विकास के काम को रोक दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि वह लंबित परियोजनाओं के बारे में नीतीश के स्वर में स्वर मिलाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार ने राजनीति की वजह से पीड़ा सही। पीएम मोदी ने कहा कि अब काम भी पूरें होंगे और लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
पीएम मोदी ने बिजली परियोजना के लिए 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना का शुभारंभ किया। इस योजना में केंद्र सरकार 63,000 करोड़ रुपये का योगदान देगी, जिससे बिहार के गांवों में बिजली और पानी की समस्या की स्थिति में सुधार आएगा।