बिहार में पुलिस अफसरो का अकाल पड़ा है कई महकमे हाकिम के लिए तरस रहे हैं तो दूसरी तरफ हाल यह है कि एडीजी स्तर के एक हाकिम कहां है यह पुलिस मुख्यालय को भी पता नहीं.
भुवनेश्वर वात्स्यायन
पुलिस महकमे का हाल यह है कि आजकल इसके कई दफ्तर खाली-खाली हैं। अफसरों का टोटा कि किसे वहां तैनात किए जाए? कई अफसरों का हाल यह है कि एक पाली में वह पुलिस मुख्यालय में बैठते हैं तो दूसरे हाफ में अन्यत्र बने दफ्तर में फाइल निपटा रहे हैं.
पुलिस मुख्यालय का हाल यह है कि एक एडीजी स्तर के अधिकारी का चैंबर लंबी अवधि से खाली पड़ा है.वह कहां हैं इस बारे में पुलिस मुख्यालय तक को पता नहीं है. इस क्रम में बहुत से काम नहीं भी हो पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्थिति यह है कि भारतीय पुलिस सेवा के बिहार कैडर के 32 आफिसर लंबी अवधि से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. निकट भविष्य में उनके बिहार लौटने की भी कोई संभावना नहीं है। इसके साथ ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के आवेदन भी नियमित रूप से गृह विभाग को पहुंच रहे हैं.
.अफसरों की कमी का आलम यह है कि प्रशिक्षण व आधुनिकीकरण जैसे महत्वपूर्ण काम दोहरे प्रभार के तहत चल रहे हैं. भ्रष्टाचार पर अंकुश को ले एसयूवी का जिम्मा भी वैसे आफिसर के पास है जिनकी मुख्य जवाबदेही कुछ और है. एटीएस के लिए भी आइजी स्तर के अफसर की तलाश हो रही है.
बिहार कैडर के बहुत सारे आफिसर तो इस श्रेणी के हैं जो काफी पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए और वहीं के होकर रह गए. रिटायर भी अब वहीं से होने की तैयारी है.सीबीआइ के निदेशक रंजीत सिन्हा और डीजी स्तर के अधिकारी अरुण चौधरी का नाम इस श्रेणी में लिया जा सकता है.
डीजी स्तर में रविरंजन वर्मा, कृष्णा चौधरी और अनिल सिन्हा भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. एडीजी स्तर के अधिकारी एसी वर्मा अगले वर्ष मार्च में रिटायर कर रहे हैं. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए एडीजी स्तर के अफसरों में सतीश चंद्र झा, एआर किनी, एसके सिन्हा, राजेश रंजन, शीलवर्धन सिंह और अशोक कुमार वर्मा शामिल हैं.
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