मुम्बई पुलिस कमिशनर को मिली धमकी की खबर पर रविवार को फिर कुछ मुख्यधारा के कुछ मीडिया ने अपनी विश्वसनीयता को तार-तार करते हुए अफवाह फैलाने की कोशिश की है.
नौकरशाही डेस्क की रिपोर्ट
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खबर यह है कि मुम्बई के पुलिस कमिशनर राकेश मारिया को एक चिट्ठी मिली है, उसमें कहा गया है कि बच सको तो बच लो. 1993 में तो बच गये थे पर इस बार नहीं बच पाओगे. इस धमकी भरे खत को हिंदी में लिखा गया है पर इसे किस संगठन ने लिखा है इसका उल्लेख कही भी चिट्ठी में नहीं है और न ही मुम्बई पुलिस ने इस पर कुछ कहा है.
दैनिक जागरण
लेकिन आश्चर्य में डालने वाली बात यह है कि दैनिक जागरण ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि “इंडियन मुजाहिदीन ने मुंबई पुलिस को धमकी भरी चिट्ठी लिखी है. इसमें आतंकी संगठन ने लिखा है कि 1993 में तो बच गए थे लेकिन इस बार नहीं बच पाओगे. आइएम ने मुंबई पुलिस से कहा है ‘बच सकते हो तो बच लो’.
टीवी चैनल
अपनी आदत के मुताबिक अनेक टीवी चैनल ने इस खबर को सनसनी देने के फिराक में लगे हैं. टीवी चैनलों की रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को संबोधित करते हुए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने चिट्ठी भेजी है.
एक तरफ टीवी चैनल इस बात की घोषणा कर रहे हैं कि यह चिट्ठी इंडियन मुजाहिदीन ने लिखी है लेकिन उनकी इस जानकारी का उनके पास भी कोई स्रोत नहीं है. क्योंकि वह खुद कह रहे हैं कि “पुलिस इस खत के सोर्स की शिनाख्त करने में जुट गई है. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह चिट्ठी इंडियन मुजाहिदीन की तरफ से ही आया है”.
नवभारत टाइम्स डॉट कॉम
भारतीय न्यूज चैनलों का एक हिस्सा इस अफवाह को उड़ाने में तो जुट ही गयै हैं दूसरी तरफ नवभारत टाइम्स डॉट कॉम ने इसी अफवाह को आधार बनाते हुए लिखा है कि “मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को संबोधित करते हुए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने चिट्ठी भेजी है। पुलिस इस खत के सोर्स की शिनाख्त करने में जुट गई है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह खत इंडियन मुजाहिद्दीन की तरफ से ही आया है”.
आईबीएन ने भी बदला रंग
आईबीएन ने इस खबर पर पहले तो अपनी ईमानदार व जवाबदेह पत्रकारिता की मिसाल पेश करते हुए इस बारे में लिखा है कि “मुंबई के पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को धमकी भरी चिट्ठी मिली है. मारिया के नाम से ये चिट्ठी मुंबई पुलिस मुख्यालय में 25 जुलाई को भेजी गई. चिट्ठी में लिखा है कि बेकसूरों का बदला जरूर लिया जाएगा. चिट्ठी में किसी आतंकी संगठन का नाम नहीं लिखा है”.
लेकिन इस खबर के प्रकाशन के 6 -7 घंटे के बाद आईबीएन ने भी अपना रंग बदल दिया और “चिट्ठी में किसी आतंकी संगठन का नाम नहीं लिखा है” वाली लाइन डिलिट कर दी और इसे आईएम से साफ तौर पर जोड़ दिया.