-शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा, राष्ट्रीय स्तर के विद्वानों का निरंतर व्याख्यान होता रहेगा, शिक्षा का विकास हो ओर प्रजातांत्रिक मूल्यों की स्थापना हो
पटना.
अनुग्रह नारायण महाविद्यालय में आयोजित सत्येंद्र नारायण सिन्हा व्याख्यान माला में शिक्षा मंत्री डाॅ अशोक चौधरी ने कहा कि आज देश में जो हालात बनते जा रहे हैं, उसमें गांधी के विचारों और उनके मूल्यों पर चलने के अलावे कोई दूसरा रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि राम तो दिल में बसते हैं, उनके नाम पर नारेबाजी करना उचित नहीं है. डाॅ चौधरी ने कहा चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के अवसर पर जिस तरह का आयोजन पटना से लेकर चंपारण तक पूरे राज्य में मुख्यमंत्री के नेतृृत्व में किया गया, उससे गांधी के विचारों को बल मिला है.
एसएन सिन्हा मेमोरियल सीरीज की शुरुआत करने के लिए उन्होंने कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो एसपी शाही एवं पूरे महाविद्यालय परिवार को बधाई दी और आशा व्यक्त किया कि इसमें राष्ट्रीय स्तर के विद्वानों का निरंतर व्याख्यान होता रहेगा, जिससे अकादमिक एवं बौद्धिक माहौल कायम होगा. प्रथम व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में अपना विचार व्यक्त करते हुए देश की चर्चित गांधीवादी चिंतक राष्ट्रीय संयोजक प्रेरणा देशाई ने गांधी क्यों? विषय पर बोलते हुए कहा कि गांधी को तार्किकता से समझने की बजाय हार्दिकता से समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विश्व के सम्पत्ति का आधा हिस्सा मात्र आठ लोगों के पास है और आधे हिस्से में दुनिया की पूरी आबादी. यह कैसा अर्थशास्त्र है. उन्होंने कहा कि गांधी मल्टीनेशल के विरोधी थे, क्योंकि व्यक्ति की जरूरत एवं भूख सीमित है जबकि कारपोरेट की जरूरतें असीमित हैं, इसलिए आम लोगों का हिस्सा नहीं मिल पाता. आगे बढ़ने की होड़ में मंच एक दूसरे से स्पर्धी होता जा रहा है. सर्वप्रथम पायदान पर नहीं पहुंच पाता: अत: हमें मैं से हम की ओर बढ़ना होगा, यही समय की मांग है. अपनी अध्यक्षीय उद्बोधन में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कमर अहसन ने गांधी के दर्शन एवं अर्थशास्त्र पर गम्भीरतापूर्वक विचार रखा. उन्होंने कहा कि गांधी के विकास के अवधारणा में आत्मा के साथ विकास करना महत्वपूर्ण है.