अमेरिका में रहने वाले एमजे वारसी जब अपने पैतृक जिला दरभंगा आये तो जिलाधिकारी कुमार रवि से मिलने एक गिफ्ट लिये पहुंचे. रवि ने गिफ्ट लौटा दी. फिर वारसी ने क्या महसूस किया?
वैसे तो सरकारें आती हैं और जाती हैं लेकिन प्रशाशनिकस्तर पर किसी भी जिलाधिकारी द्वारा किया गया अच्छा काम याद किया जाता है, जो आने वाले पीढ़ियों को अतीत की सच्चाईयों से अवगत कराता रहता है. आज मैं ऐसे ही एक जिलाधिकारी की कार्य-कुशलता की कहानी बताना चाहता हूँ.
अगर आज हम पिछले कुछ सालों की बात करें तो ऐसा लगता है कि सरकार ने कुछ साल पहले विकास का जो स्लोगन दिया था उसे कई अफसरों ने ज़मीनीस्तर पर लाने का काम किया है उनमें दरभंगा के जिलाधिकारी कुमार रवि भी शामिल हैं जिनकी वजह से आज आम इंसान के रहन-सहन एवं जीवन स्तर पर बदलाव दिखता है.
मैं ने महसूस किया कि आईआईटी से इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त कर जो भारतीय प्रशासनिक सेवा पास कर जिलाधिकारी बना हो उसके अन्दर कुछ तो ख़ास बात होगी. यही सोचते हुए मैं एक छोटा सा गिफ्ट लेकर उनसे मिलने पहुंच गया। मैं पहली बार उनसे मिला तो उनका अंदाज़ बिलकुल दूसरे अधिकारियों से अलग लगा। उन्हों ने मुझ से पूछा वारसी साहब जल्दी बताइए कोई काम से आये हैं। मैं ने कहा नहीं मैं अमरीका से आया हूँ और आप ही के जिला का हूँ तो सोचा आप से मिल लूँ। उन्होने कहा मुझे आप से मिलकर बहुत खुशी हुई और अगर हमारे लायक कोई काम हो तो बताइएगा। फिर उन्होंने कहा “अगर अब आप इज्ज़त दें तो मैं कुछ और काम कर लूँ”।
किसी गरीब को दे दीजिए यह गिफ्ट
मुझे लगा कि ये तो पता नहीं अपने आप को क्या समझते हैं- खैर, मैं ने कहा मैं तो जा रहा हूँ ये एक छोटा सा तोहफा है रख लीजिये। उन्होंने मेरी तरफ गौर से देखा और फिर कहा “मुझे इस कि ज़रूरत नहीं है आप किसी गरीब को दे दीजिये”।
यह सुनकर मैं सोच में पड़ गया और फिर उन्होंने मुझे एक लेक्चर दे डाला। उनकी बात-चीत से मुझे अच्छी अंदाज़ा हो गया और मैं ने देखा कि उनके पास आज जिला ही नहीं बल्कि समस्त बिहार को वापस देने कि क्षमता है. मैं ने जो एक सोच, एक विज़न एवं कार्य कुशलता का जो अंदाज़ मैं ने कुमार रवि में देखा वा बहुत ही काम अधिकारियों में देखने को मिलता है।
उनके कहने का तात्पर्य यह था कि प्रशासन का प्रयास यह होना चहिये कि बदलते हुये परिवेश में समाज का संतुलित विकास एवं उसके विभिन्न अंगो के मध्य पारस्परिक सामंजस्य की स्थिति को सुनिश्चित करने पर बल दिया जाय, ताकि विकास की दिशा में बेहतर लक्ष्य की प्राप्ति हो सके.
आमजन को प्रोत्साहित करने की जरूरत
रवि ने विकास के मॉडल पर काफी अच्छी बात कही. उन्होंने कहा कि ‘आज विकास के जिस मॉडल पर काम हो रहा है उसे स्थाई रूप से आगे ले जाने की ज़रुरत है. आम आदमी के अन्दर ही अपने क्षेत्र को विकास करने की शक्ति निहित है. लोगों में प्रशासन के प्रति आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है. बचपन से लेकर यूवा जीवन विकास का सर्वश्रेष्ठ समय होता है. समय का सदुपयोग ही आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करता है’.
अक्सर मैं साल में दो बार या फिर कभी-कभी तीन बार अपने गांव जाता हूँ क्योंकि मैं भी अपने गाँव बर्रा, कुशेश्वर स्थान में अपने पिताजी कि मदद से और अपनी मरहूम माता जी कि याद में कुछ सकाजिक काम करने कि कोशिश कर रहा हूँ।
पिछले तीन-चार सालों में मैं ने हर तरफ विकास होते हुए देखा है, मैं ने देखा कि हर जगह सड़कें बन रही हैं, लोगों को खेती के लिए सुविधाएं मुहय्या कराई जा रही हैं. लोग खुशहाल नज़र आ रहे हैं. मेरे गावं से जो अधिक संख्या में लोग रोज़ी-रोटी कमाने के लिए पलायन कर जाते थे उसमें कमी आई है. लोग यहीं रहकर खेती के साथ-साथ व्यवसाय में भी रूची ले रहे हैं. मुझे लगता है कि जिस तरह का विकास और विकास का जो तरीका दिखा वह शायद आने-वाले दिनों में देश भर के लोगों को भी दिखाई देने लगेगा. हालांकि इस विकास के काम में बहुत सारे अफस लगे हैं लेकिन पिछले ड़ेढ़ साल के कार्यकाल में कुमार रवि ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
कुमार रवि बात-चीत कर मैं बहुत संतुष्ट हुआ और मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं कि एक लम्बे समय बाद दरभंगा जिला की जनता को एक कुशल जिलाधिकारी मिला है जिसके पास बिहार को आगे ले जाने का विज़न है.
आज दरभंगा के साथ-साथ बिहार विकास के महत्वपूर्ण दौर से गुज़र रहा है. सामाजिक संरचना में परिवर्तन हो रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क,पानी, बिजली, रोटी-कपड़ा और मकान हर आदमी के लिए अनिवार्य है. अभी विकास के रास्ते में कुछ चुनौतियां भी हैं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि इन चुनौतियों का सामना कर आम आदमी काफी तेज़ी से विकास की तरफ बढेगा. इस बदलते परिवेश में ज़रुरत है गांव और शहर के बीच विकास के संतुलन को बेहतर बनाने की ताकि राज्य का कोई भी हिस्सा विकास से वंचित न रह जाए.
एम जे वारसी जाने-माने भाषावैज्ञानिक एवं विश्लेषक हैं और अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं. उनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है.
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